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चीन ने ब्रिटेन की राजदूत को किया तलब, WeChat पर 'प्रेस की स्वतंत्रता' पर लेख से नाराज

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार चीन में ब्रिटेन की राजदूत कैरोलिन विल्सन ने अपने लेख में लिखा था कि चीनी अधिकारियों की विदेशी मीडिया द्वारा आलोचना का मतलब यह नहीं है कि वे चीन को नापसंद करते हैं।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Sat, 13 Mar 2021 08:27 AM (IST)
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प्रेस की स्वतंत्रता पर लेख को लेकर चीन ने ब्रिटेन के राजदूत को तलब किया।
 बीजिंग, एएनआइ। बीजिंग ने चीन में ब्रिटेन की राजदूत कैरोलिन विल्सन के एक लेख पर उन्हें तलब किया है। विल्सन ने लोकप्रिय चीनी सोशल मीडिया नेटवर्क WeChAT पर प्रेस की आजादी को लेकर एक लेख लिखा था, जिसको लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने नराजगी जताई है।

मंगलवार को चीन के विदेश मामलों के मंत्रालय ने राजदूत कैरोलिन विल्सन से बात की और मामले पर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विल्सन ने तर्क दिया कि चीन में विदेशी मीडिया को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जो उनकी सकारात्मक भूमिका को दर्शाता है।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार विल्सन ने अपने लेख में लिखा था कि चीनी अधिकारियों की विदेशी मीडिया द्वारा आलोचना का मतलब यह नहीं है कि वे चीन को नापसंद करते हैं। इसके विपरीत, मेरा मानना ​​है कि वे अच्छे विश्वास के साथ काम करते हैं और सरकारी कार्यों के पहरेदार के रूप में एक सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि विल्सन का लेख उनके गहरे वैचारिक पूर्वग्रहों को दर्शाता है। ब्रिटेन और चीन के बीच हाल के महीनों में कई मुद्दों पर तनातनी बढ़ रही है, जिसमें हांगकांग का राजनीतिक भविष्य और शिनजियांग में मानवाधिकार शामिल हैं।

दरअसल चीन की यह प्रतिक्रिया कोरोना वायरस और शिनजियांग में मुसलमान अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मामलों पर बीबीसी की रिपोर्टिंग और लाखों हांगकांग निवासियों के लिए ब्रितानी नागरिकता हासिल करने का मार्ग खोलने के ब्रिटेन के फैसले के बाद आया है।

सीएनएन को दिए गए चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार चीनी सरकार और लोग विदेशी मीडिया का कभी विरोध नहीं करते हैं, लेकिन कुछ लोग फर्जी खबरें पैदा करते हैं और प्रेस की आजादी के बैनर तले चीन, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी व्यवस्था पर हमला करते हैं।