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नौ से अधिक देशों को चीन ने दी बड़ी सौगात, वीजा फ्री कर सकेंगे प्रवेश; यहां देखें सूची

नौ और देशों के नागरिक चीन में वीजा फ्री प्रवेश कर सकेंगे। इस बात की जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी। यह छूट अगले साल दिसंबर महीने तक मिलेगी। नौ देशों के नागरिक 15 दिन तक बिना वीजा चीन में रुक सकेंगे। इस सूची में दक्षिण कोरिया नॉर्वे डेनमार्क अंडोरा और फिनलैंड समेत नौ से अधिक देश शामिल हैं।

By Ajay Kumar Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 02 Nov 2024 10:02 AM (IST)
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। ( फाइल फोटो)
रॉयटर्स, बीजिंग। चीन ने नौ से ज्यादा देशों के नागरिकों को बड़ी सौगात दी है। दक्षिण कोरिया, नॉर्वे और फिनलैंड समेत नौ से अधिक देशों के नागरिक अब चीन में वीजा फ्री प्रवेश पाने के योग्य होंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आठ नवंबर से इन देशों के नागरिकों को व्यापार, पर्यटन, पारिवारिक यात्राओं या ट्रांजिट के लिए बिना वीजा के 15 दिनों तक चीन में प्रवेश करने की अनुमति होगी। हालांकि यह छूट 31 दिसंबर 2025 तक मिलेगी। वीजा फ्री देशों की सूची में स्लोवाकिया, डेनमार्क, आइसलैंड, अंडोरा, मोनाको, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, फिनलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।

पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं चीनी नागरिक

एक ओर चीन जहां तमाम देशों के नागरिकों को वीजा फ्री प्रवेश दे रहा है तो दूसरी तरफ उसके नागरिक पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान में पिछले छह महीने में चीन के नागरिकों पर दो बार हमले हो चुके हैं। अब चीन ने पाकिस्तान के सामने अपने नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जैंदोंग ने सभी चीन विरोधी आतंकी समहूों के खिलाफ एक्शन की मांग की।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले अस्वीकार्य हैं। जियांग ने अपने नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की। चीनी राजदूत ने पाकिस्तान चीन संस्थान के सेमिनार में यह टिप्पणी की। खास बात यह है कि इस सेमिनार में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार भी मौजूद थे।

जलवायु परिवर्तन पर सहयोग करेगा अमेरिका, चीन ने जताई उम्मीद

उधर, चीन ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चाहे जो जीते, मगर उम्मीद है कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन पर अन्य देशों के साथ अपना सहयोग जारी रखेगा। बता दें कि जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाली ग्रीनहाउस गैसों का दुनिया में सबसे अधिक उत्सर्जन अमेरिका और चीन करते हैं। इस मामले में अमेरिका और चीन के बीच 2015 में पेरिस समझौता भी हो चुका है। मगर हाल ही में ट्रंप ने पेरिस समझौते से अमेरिका को बाहर करने का जिक्र कर चुके हैं। अब संभावना है कि अगर ट्रंप जीतते हैं तो अमेरिका पेरिस समझौते से अलग हो सकता है।

चीन के पर्यावरण मंत्रालय में जलवायु कार्यालय के महानिदेशक जिया यिंगजियान ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका अपनी जलवायु नीति की स्थिरता और निरंतरता बनाए रखेगा। यह भी उम्मीद है कि यह वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के साथ काम करना जारी रखेगा।" COP29 जलवायु वार्ता बैठक 10 दिनों में अजरबैजान की राजधानी बाकू में होगी।

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