Move to Jagran APP

अमेरिक के ताइवान के साथ हथियार सौदे पर बिफरा चीन, अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का किया ऐलान

अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में स्वशासी द्वीप द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को निरंतर और सुधार करने के लिए ताइवान को उपकरणों और सेवाओं की संभावित 100 मिलियन अमरीकी डालर की बिक्री को मंजूरी दी थी।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Mon, 21 Feb 2022 04:19 PM (IST)
Hero Image
अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा चीन। (फाइल फोटो)
बीजिंग, एएनआइ: ताइवान को अमेरिकी हथियारों की बिक्री से चीन आगबबूला हो गया है। उसने इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों लॉकहीड मार्टिन और रेथियॉन टेक्नोलॉजीज पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करना जारी रखेगा। बता दें कि अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में स्वशासी द्वीप द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को 'निरंतर' और 'सुधार' करने के लिए ताइवान को उपकरणों और सेवाओं की संभावित 100 मिलियन अमरीकी डालर की बिक्री को मंजूरी दी थी।

चीन ने पहले ही दी थी चेतावनी

अमेरिका की इस घोषणा पर चीन की प्रतिक्रिया आई और उसने अमेरिका को हथियारों के सौदे के खिलाफ चेतावनी दी थी कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा। वांग वेनबिन ने कहा था कि चीन रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा, जिसने ताइवान द्वीप को अमेरिकी हथियारों की 100 मिलियन अमरीकी डालर की बिक्री में भाग लिया।

ताइपे ने अमेरिका को दिया था धन्यवाद

गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने के बाद, ताइपे ने ताइवान संबंध अधिनियम और छह आश्वासनों में निर्धारित अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ठोस कार्रवाई करने के लिए वाशिंगटन को धन्यवाद दिया था। ताइवान समाचार ने ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता जेवियर चांग के हवाले से कहा कि यह न केवल ताइवान की रक्षा क्षमताओं पर अमेरिकी सरकार के महत्व को प्रदर्शित करता है, बल्कि रॉक-ठोस ताइवान-अमेरिका साझेदारी को भी दर्शाता है। दरअसल, राष्ट्रपति बाइडेन के सत्ता संभालने के बाद से यह दूसरी हथियारों की बिक्री है और इस साल हथियारों का पहला सौदा है।