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Covid के कारण चीन की जनसंख्या में हो सकती है ऐतिहासिक गिरावट,भारत बनेगा सबसे अधिक आबादी वाला देश!

चीन में कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि से लोगों का हाल बेहाल है । इसी बीच कोरोना को चलते चीन की जनसंख्या में ऐतिहासिक गिरावट आ सकती है। चीन 17 जनवरी को आधिकारिक रूप से 2022 की जनसंख्या डेटा जारी करेगा

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 13 Jan 2023 04:09 PM (IST)
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चीन में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
बीजिंग (एजेंसी)। चीन में कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि से लोगों का हाल बेहाल है। जहां एक ओर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं चीन ने सख्त कोविड नियंत्रण नियमों को हटा दिया है। महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। लोग इसको लेकर काफी त्रस्त हैं। पिछले तीन वर्षों से चीन के कड़े कोविड प्रतिबंधों ने देश में लोगों को बच्चे न पैदा करने पर मजबूर किया है। अस्पतालों में कोरोना मामलों की भीड़ ने माताओं व शिशुओं को डॉक्टरों से दूर रखा।

अब चीन में महामारी का प्रभाव जल्द ही स्पष्ट होगा क्योंकि वह 17 जनवरी को आधिकारिक रूप से 2022 की जनसंख्या डेटा जारी करने जा रहा है। इस बीच, कुछ जनसांख्यिकीविदों को उम्मीद है कि 2022 में चीन की आबादी 1961 में बड़े अकाल के बाद पहली बार गिरेगी।

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45 प्रतिशत तक कम होगी जनसंख्या

माना जा रहा है कि 2022 के नए जन्म रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के लिए तैयार हैं। इस बार आंकड़े 10 मिलियन से भी कम होंगे। 2021 की बात करें तो उस साल चीन में 10.6 मिलियन बच्चे हुए थे, जो कि 2020 की तुलना में पहले ही 11.5 प्रतिशत कम थे। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर वांग फेंग ने बताया कि चीन जनसंख्या में गिरावट की एक लंबी और अपरिवर्तनीय प्रक्रिया में प्रवेश कर गया है। यह चीन और दुनिया के इतिहास में पहली बार होगा। देश की जनसंख्या का आकार 45 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

भारत हो सकता है दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश

बता दें कि 2021 में चीन की जनसंख्या में 480,000 का इजाफा हुआ। इसी तरह, देश की कुल आबादी 1.4126 बिलियन तक पहुंच गई। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की है कि इस साल चीन की जनसंख्या में गिरावट शुरू हो जाएगी। भारत इसे दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में पीछे छोड़ देगा। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ 2050 तक चीन की जनसंख्या में 109 मिलियन की कमी देखते हैं। वहीं, इस वक्त दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से नौ फर्टिलिटी क्षमता में गिरावट का अनुभव कर रहे हैं।

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बच्चे पैदा करने के लिए सरकार लोगों को दे रही है फैसिलिटी

चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि यह पिछले साल जनसांख्यिकीय मंदी के कगार पर था। तब राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी कहा कि 2025 से पहले जनसंख्या में गिरावट शुरू हो सकती है। वहीं, अक्टूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि सरकार देश की जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए और नीतियां बनाएगी। बता दें कि सरकार ने 2021 के बाद से अधिक बच्चे पैदा करने को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कर कटौती, लंबी मातृत्व अवकाश, चिकित्सा बीमा और आवास सब्सिडी सहित कई उपाय पेश किए हैं।

देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा असर

जनसांख्यिकीविद फुक्सियन को उम्मीद है कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का अनुपात 2050 में 37 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो पिछले वर्ष 14 प्रतिशत और 1980 में 5 प्रतिशत था। घटते जन्मों का अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। वहीं, देश की धीमी अर्थव्यवस्था को देखते हुए लोग बच्चा पैदा करने से दूर भाग रहे हैं। उनका मानना है कि इस महंगाई में वह खुद का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं, ऐसे में बच्चे का खर्च कैसे उठाया जा सकता है।