Zero Covid Policy: शून्य-कोविड नीति में चीन नहीं करेगा कोई बदलाव, पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति ने किया समर्थन
चीन में शून्य कोविड नीति पर फिलहाल कोई ढील नहीं मिलेगी। चीन की शीर्ष नेतृत्व वाली संस्था पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति ने कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के बाद इस माह की अपनी पहली बैठक के दौरान गुरुवार को देश में जारी शून्य कोविड नीति का समर्थन किया।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 10 Nov 2022 07:45 PM (IST)
बीजिंग, रायटर्स। चीन में शून्य कोविड नीति पर फिलहाल कोई ढील नहीं मिलेगी। चीन की शीर्ष नेतृत्व वाली संस्था पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति ने कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के बाद इस माह की अपनी पहली बैठक के दौरान गुरुवार को देश में जारी शून्य कोविड नीति का समर्थन किया। राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि देश की अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के प्रभाव को कम करने की आवश्यकता है।
नहीं दी जाएगी शून्य कोविड नीति में ढील
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने कहा, 'हमें देश में कोरोना के प्रभावों को रोकने के लिए अधिक दृढ़ और निर्णायक उपाय करने चाहिए। जितनी जल्दी हो सके देश में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए, जिसके कारण समान्य उत्पादन और रहने की व्यवस्था बहाल हो सके। पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति की शीर्ष नेतृत्व ने आगे कहा कि हमें महामारी के रोकने में शून्य कोविड नीति में ढील नहीं देनी चाहिए।
टीकाकरण का किया आह्वान
शीर्ष नेतृत्व ने चीन से देश की बड़ी आबादी का टीकाकरण करने का अच्छा काम करने का आह्वान किया है। मालूम हो कि विशेषज्ञ देश की शून्य COVID-19 नीति से चीन के लिए किसी भी संभावित निकास रणनीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम मान रहे हैं। राष्ट्रपति चिनफिंग की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति अगले पांच साल में देश के विकास की राह तय करेंगे।तीन साल के लड़के की हुई थी मौत
क्वारंटाइन किए गए आवासीय परिसर में 3 साल के एक लड़के की मौत ने चीन के एंटी-वायरस नियंत्रणों के साथ बढ़ते असंतोष को हवा दी, जो दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ तेजी से बाहर हो रहे हैं। देश भर में जारी कोरोना के कहर को देखते हुए यात्रा प्रतिबंध और लाकडाउन जारी रखा गया है।यह भी पढ़ें- Zero Covid Policy: शून्य-कोविड नीति में क्या कोई बदलाव करेगा चीन? अधिकारियों ने दिए अहम संकेत