Move to Jagran APP

'ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करो', China की सरकार क्यों है चिंतित? दे रही टैक्स में छूट से लेकर और भी लुभावनी स्कीम

China Population Decline घटती आबादी से चीन की चिनफिंग सरकार चिंतित है। सरकार खुद फ्रंटफुट पर आकर लोगों से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रही है। इसके लिए शी चिनफिंग के मंत्रिमंडल ने कई नीतियों की भी घोषणा कर डाली है। इसमें कई प्रकार की सब्सिडी और माता-पिता के लिए टैक्स में छूट भी शामिल है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Wed, 30 Oct 2024 01:04 PM (IST)
Hero Image
China Population Decline चीन अपनी आबादी को लेकर चिंतित।
एजेंसी, बीजिंग। China Population Decline चीन में घटती जनसंख्या अब चिंता का विषय बन गई है। सरकार खुद फ्रंटफुट पर आकर लोगों से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रही है। इसके लिए शी चिनफिंग सरकार ने कई नीतियों की भी घोषणा कर डाली है। इसमें कई प्रकार की सब्सिडी और माता-पिता के लिए टैक्स में छूट भी शामिल है।

क्या है इसका उद्देश्य? 

  • सरकार का उद्देश्य जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करना है।
  • देश में तेजी से जन्म दर में आ रही गिरावट को रोकना चाहती है सरकार।
  • चीन के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रसव सहायता सेवाओं को बढ़ाने, बाल देखभाल प्रणालियों का विस्तार करने, शिक्षा, आवास और रोजगार में सहायता को मजबूत करने और जन्म के अनुकूल सामाजिक माहौल बनाने के लिए डिजाइन किए गए 13 लक्षित उपायों की रूपरेखा दी है। 

कौन सी लुभावनी स्कीम हुई जारी?

  • चीन की आधिकारिक मीडिया के अनुसार, सरकार प्रसव सब्सिडी प्रणाली में सुधार और प्रसव से संबंधित व्यक्तिगत आयकर राहत भी दे रही है। 
  • छोटे रोजगार वाले व्यक्तियों और ग्रामीण प्रवासी श्रमिकों को मातृत्व बीमा योजना का विस्तार का लाभ मिलेगा, जिन्होंने पहले से ही बुनियादी चिकित्सा बीमा योजना में भाग लिया है। 
  • इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए माता-पिता काम से छुट्टी लेकर अधिक सुरक्षित महसूस करें। इसके लिए चाइल्डकेयर लीव के संबंध में नीतियों को लागू करने का आग्रह किया गया है।
  • इसी के साथ प्रसव पीड़ा निवारण और सहायक प्रजनन तकनीक सेवाओं को बीमा क्लेम में जोड़ने का भी एलान किया गया है।

क्यों चिंता में है चीनी सरकार?

दरअसल, चीन की 1.4 अरब आबादी है। एक ओर जहां भारत में युवा आबादी ज्यादा है, वहीं चीन में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चीन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अब आबादी का 14 प्रतिशत हिस्सा बन गए हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी 2035 तक 400 मिलियन (40 करोड़) से अधिक हो जाएगी और 2050 तक 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी। 

हाल की रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन भर में हजारों किंडरगार्टन स्कूल बंद किए जा रहे हैं, क्योंकि बच्चों की भर्ती में तेजी से गिरावट आई है। स्कूलों को वृद्धाश्रम में बदला जा रहा है, जहां कर्मचारियों को वृद्धाश्रमों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

क्या है जनता की राय?

सरकार के नए उपायों को जनता से ठंडी प्रतिक्रिया मिल रही है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म वीबो पर एक उपयोगकर्ता ने कहा कि ये तो ऐसा है जैसे आप एक फेरारी खरीद रहे हैं और सरकार आपको 100 युआन (चीन की करंसी) का कूपन दे रही है। 

आबादी में भारत से पीछे हुआ चीन

पिछले साल जन्म दर में गिरावट के कारण चीन अब दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश की सूची में भारत के बाद दूसरे नंबर पर खिसक गया है।

कैसे आया ये संकट?

चीन के गंभीर जनसांख्यिकीय संकट के लिए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा दशकों पुरानी एक-बच्चा नीति को दोषी ठहराया जाता है। अब सरकार को ये चिंता है कि इससे अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान होगा। हालांकि, इसके बाद चीन ने 2016 में एक बच्चे की नीति को खत्म कर दिया और दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी।

जब यह नीति कोई प्रभाव डालने में विफल रही, तो चीन ने 2021 में जनसंख्या नीति को संशोधित किया, जिससे लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति मिली।