ऊर्जा क्षेत्र में चीन और रूस आ रहे हैं करीब, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा होगी मजबूत पाटर्नरशिप
चीन और रूस ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा करने जा रहे हैं। एक तरफ जहां यूरोपीय देश ऊर्जा संकट से जूझ रहे हैं वहीं रूस और चीन के बीच इस क्षेत्र में बड़ी साझेदारी होने का संकते खुद राष्ट्रपति शी ने दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Tue, 29 Nov 2022 02:53 PM (IST)
बीजिंग (एजेंसी)। चीन और रूस लगातार एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। अब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इन रिश्तों को और ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं। चीन की मीडिया के मुताबिक इसके तहत चीन और रूस ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक करीब आएंगे। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन-रूस फोरम में कहा है कि वो दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने और ग्लोबल एनर्जी सिक्योरिटी के लिए काम करेंगे।
बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से विश्व में ऊर्जा संकट लगातार बढ़ रहा है। यूक्रेन के युद्ध के बाद से ही यूरोपीय देश इस ऊर्जा संकट को झेल रहे हैं। रूस की गैस सप्लाई यूरोपीय देशों में बंद करने के बाद से ये सभी देश अर्थव्यवस्था में गिरावट का दंश भी झेल रहे हैं। ऐसे में रूस और चीन का करीब आना भविष्य के बड़े गठबंधन का संकेत दे रहा है।
बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद जहां रूस ने यूरोपीय देशों को गैस की सप्लाई लगभग बंद कर दी है वहीं चीन को ये सप्लाई बढ़ा दी गई है। मौजूदा समय में चीन प्राकृतिक गैस के मामले में रूस का सबसे बड़ा खरीददार है। रूस इसके लिए पूरा प्रयत्न भी कर रहा है। इतना ही नहीं रूस और चीन के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रपति मिल भी चुके हैं और आपस में बात भी कर चुके हैं।
रूस और यूक्रेन के मध्य में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई बातचीत के दौरान इस पर लगभग मुहर लग चुकी है। रूस और चीन का करीब आना अमेरिका की निगाहों में खटक रहा है। भविष्य के इस गठबंधन पर अमेरिका ही नहीं यूरोपीय देशों की भी निगाहें लगी हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यूरोपीय देश उसकी ऊर्जा पर ही अब तक आगे बढ़ते रहे हैं।