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तिब्बती छात्रों को उनकी भाषा से काटने की नापाक कोशिशों में जुटा चीन, कक्षाओं पर लगाया प्रतिबंध

चीन ने किंघई प्रांत में अनौपचारिक तिब्बती भाषा की कक्षाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि सरकार के इस आदेश का उल्लंघन करने वाले को गंभीर कानूनी सजा का सामना करना पड़ेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 04 Nov 2021 11:30 PM (IST)
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चीन की शी चिनफिंग सरकार अब तिब्बती छात्रों को उनकी भाषा से काटने की नापाक कोशिशों में जुट गई है।

बीजिंग, एएनआइ। चीन की शी चिनफिंग सरकार अब तिब्बती छात्रों को उनकी भाषा से काटने की नापाक कोशिशों में जुट गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक चीनी अधिकारियों ने किंघई प्रांत में 'अनौपचारिक' तिब्बती भाषा की कक्षाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन विषयों की कक्षाओं के लिए बच्चे अपने स्कूलों के बाहर जाते हैं। रेडियो फ्री एशिया ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीनी अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि सरकार के इस आदेश का उल्लंघन करने वाले को 'गंभीर कानूनी सजा' का सामना करना पड़ेगा। 

सूत्र ने बताया कि यह तिब्बती भाषा का सफाया करने की नापाक कोशिश है। चीनी अधिकारियों की ओर से किसी भी व्यक्ति या संगठन को स्कूल बंद होने पर सर्दियों की छुट्टियों के दौरान तिब्बती भाषा सिखाने के लिए अनौपचारिक कक्षाएं या कार्यशाला आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है। चीनी अधिकारियों की ओर से गणित और विज्ञान जैसे विषयों को केवल चीनी भाषा में पढ़ाने का दबाव डाला जा रहा है।

रेडियो फ्री एशिया ने सूत्र के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में पहले से ही गणित और विज्ञान को चीनी भाषा में पढ़ाया जा रहा है। चीनी अधिकारियों के दबाव के बाद अन्य सभी विषयों को धीरे-धीरे चीनी भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। धर्मशाला स्थित तिब्बती सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी के एक शोधकर्ता ने कहा कि तिब्बती भाषा वर्गों पर चीन सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध तिब्बतियों के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने वाले हैं।

चीन की ओर से इस कदम का विरोध करने वालों को कुचलने का काम भी शुरू हो गया है। चीनी अधिकारियों ने उन दो तिब्बती छात्रों को हिरासत में लिया जिन्होंने तिब्बती स्कूलों में शिक्षा के एकमात्र माध्यम के रूप में चीनी भाषा के उपयोग को लागू करने की चीन सरकार की योजना का 'विरोध' किया था। ग्युलड्रैक (Gyuldrak) और यांगरिक (Yangrik) नाम के इन छात्रों ने सितंबर में शुरू होने वाली चीनी नीति के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विरोध दर्ज कराया था। चीनी पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की है।