SCO Summit: चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू इस सप्ताह आएंगे भारत, 27 अप्रैल को करेंगे राजनाथ सिंह से मुलाकात
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान हो रही है। File Photo
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 25 Apr 2023 08:10 PM (IST)
बीजिंग, पीटीआई। चीन ने मंगलवार को कहा कि रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27 अप्रैल से एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए इस सप्ताह भारत का दौरा करेंगे। इस दौरान ली की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ वार्ता होने की उम्मीद है।
यात्रा को माना जा रहा महत्वपूर्ण
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान हो रही है।
एससीओ की बैठक में लेंगे भाग
चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''आमंत्रण पर चीनी स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27-28 अप्रैल से नई दिल्ल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की परिषद् की बैठक में भाग लेंगे।''बैठक को करेंगे संबोधित
बयान में कहा गया, ''बैठक के दौरान, जनरल ली सम्मेलन को संबोधित करेंगे और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय हालात के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग के मुद्दों पर संवाद करने एवं विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए संबंधित देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से मिलेंगे।''
जनरल ली के रक्षा मंत्री सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक करने और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य तथा कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा करने की संभावना है। जनरल ली के दौरे से पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर आयोजित चीन-भारत कोर कमांडर स्तरीय बैठक के 18वें दौर के बारे में सकारात्मक बात की।
शांति कायम रखने के लिए प्रयास तेज
चीन ने कहा है कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को तेज करने पर सहमत हुए हैं। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण और स्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान हुआ।