ब्रह्मोस के मुकाबले चीन ने सुपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण
बीजिंग के सैन्य विशेषज्ञ वी डोंजू ने बताया कि खनन कंपनी ने स्वतंत्र रूप से एचडी-1 मिसाइल में निवेश कर उसे विकसित किया है।
By Ravindra Pratap SingEdited By: Updated: Wed, 17 Oct 2018 09:25 PM (IST)
बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस। एक तरफ भारत में परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम राफेल विमान पर विवाद जारी है, वहीं पड़ोसी देश चीन की एक खनन कंपनी ने एक सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करने का दावा किया है। बताया जाता है कि भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम से बनी ब्रह्मोस मिसाइल के मुकाबले में इसे तैयार किया गया है। चीनी मीडिया का दावा है कि पाकिस्तान अब यही एचडी-1 सुपरसोनिक मिसाइल चीन से खरीदने जा रहा है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार विगत सोमवार को उत्तरी चीन के एक गुप्त स्थान पर इस मिसाइल का शक्ति परीक्षण किया गया। दक्षिण चीन स्थित ग्वांगदोंग होंडा ब्लास्टिंग कंपनी के जारी बयान के अनुसार परीक्षण के दौरान सभी पैमानों पर एचडी-1 सुपरसोनिक मिसाइल खरी उतरी है। बीजिंग के सैन्य विशेषज्ञ वी डोंजू ने बताया कि खनन कंपनी ने स्वतंत्र रूप से एचडी-1 मिसाइल में निवेश कर उसे विकसित किया है। इस मिसाइल को युद्धक विमानों और युद्धपोतों में तैनात किया जा सकता है। इस मिसाइल में चीनी कंपनी ने 18.8 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
गोल्बल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान अब चीन की इस नई मिसाइल को खरीद सकता है, जिसे भारत के ब्रह्मोस से बेहतर बताया जा रहा है। सैन्य विशेषज्ञ वी ने बताया कि सुपरसोनिक गति से एंटी मिसाइल प्रणाली को तोड़ने में सक्षम इस मिसाइल में पाकिस्तान और मध्यपूर्व के देश रुचि दिखा सकते हैं। इस मिसाइल में लांच, कमांड, कंट्रोल, लक्ष्य को भेदने के संकेत और समग्र सपोर्ट सिस्टम भी है।
वी ने बताया कि मिसाइल के सालिड फ्यूल रेमजेट की अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कम खपत होगी। यह हल्की मिसाइल अधिक तेजी से अधिक दूर तक जा सकती है। चीन सरकार की मंजूरी के बाद यह खनन कंपनी एचडी-1 मिसाइलों का बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए समझौते पर दस्तखत करेगी। वी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में सुपरसोनिक मिसाइलों के अधिक विकल्प मौजूद नहीं हैं।