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Chinese police stations: विश्व के कई देशों में चीन बना रहा है पुलिस थाना, अंतरराष्ट्रीय फोरम ने जताई चिंता

विश्व भर में चीन के पुलिस थानों की संख्या में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो विभिन्न देशों में संप्रभुता के संतुलन को लेकर गंभीर परिणाम सामने आएंगे।चीन 21 देशों और पांच महाद्वीपों में 54 विदेशी सेवा केंद्र संचालित कर रहा है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 12 Nov 2022 09:19 PM (IST)
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विश्व के कई देशों में चीन बना रहा है पुलिस थाना। फोटो- एएनआइ।

बीजिंग, एएनआइ। विश्व भर में चीन के पुलिस थानों की संख्या में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो विभिन्न देशों में संप्रभुता के संतुलन को लेकर गंभीर परिणाम सामने आएंगे। अधिकार और सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय फोरम का कहना है कि चीन की सरकार ने राजनीतिक असंतुष्टों और विदेश में रहने वाले नागरिकों को प्रताड़ित करने के लिए विभिन्न देशों में अघोषित रूप से थाने खोल लिए हैं। दूसरे देश में इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था तैयार करना उस देश के संप्रभुता अधिकार का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। इसका गंभीर परिणाम सामने आ सकता है।

कई देशों ने शुरू की जांच

फोरम ने कुछ रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा है कि चीन 21 देशों और पांच महाद्वीपों के 25 शहरों में 54 विदेशी सेवा केंद्र संचालित कर रहा है। रिपोर्ट के बाद कनाडा और नीदरलैंड के अधिकारियों ने ऐसे गैरकानूनी केंद्रों और उनके संचालन की प्रकृति की जांच शुरू कर दी है। इंग्लैंड और स्काटलैंड ने भी कहा है कि इस तरह के कदमों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए वह भी जांच करेगा।

दुनिया भर में पुलिस स्टेशन चला रही है चीनी सेना

फोरम ने एक स्पेनिश नागरिक अधिकार समूह की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि फूजौ और किंग्टियन शहरों से चीनी सेना दुनिया भर में पुलिस स्टेशन चला रही है। इसके माध्यम से चीनी सेना दुनिया के कई देशों में रह रहे विदेशी चीनी नागरिकों को वापस अपने देश लौटने पर राजी कर रहे हैं।

आरोपों को नहीं किया है खंडन 

मालूम हो कि इन पुलिस थानों का एक अन्य उद्देश्य उन असंतुष्टों को धमकाना है जो चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की वैचारिक कार्यप्रणाली से अलग हैं। हालांकि चीन इस मामले पर कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। हालांकि चीन ने उस पर लगे आरोपों को कभी स्पष्ट रूप से खंडन नहीं किया है। इस मामले पर अलग-अलग चीनी दूतावास अलग-अलग जवाब दे चुके हैं।

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