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G20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति ने नहीं की थी कनाडाई पीएम की आलोचना, चीनी विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

जी-20 समिट के दौरान शी चिनफिंग द्वारा जस्टिन ट्रूडो की आलोचना का एक वीडियो सामने आया था। जिसके बाद ये अटकलें लगाई जा रहीं थी कि दोनों नेताओं के बीच बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक के कथित रूप से लीक होने पर चिनफिंग ने ट्रूडो की आलोचना की।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 17 Nov 2022 05:41 PM (IST)
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शी चिनफिंग ने नहीं की जस्टिन ट्रूडो की आलोचना
बीजिंग, रायटर: जी-20 समिट के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना का एक वीडियो सामने आया था। जिसके बाद ये अटकलें लगाई जा रहीं थी कि, दोनों नेताओं के बीच बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक के कथित रूप से लीक होने पर चिनफिंग ने ट्रूडो की आलोचना की। पूरे मामले को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने सफाई दी है। अपने एक बयान में मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति चिनफिंग ने किसी भी तरह से ट्रूडो की आलोचना नहीं की है।

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चीन को कनाडा से बेहतर द्विपक्षीय संबंधों की आस

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बीजिंग खुलकर विचारों के आदान-प्रदान का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि कनाडा द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा काम करेगा। माओ ने कहा कि, जिस वीडियो का उल्लेख किया जा रहा है, वह वास्तव में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की एक छोटी बातचीत थी। यह बहुत सामान्य है, मुझे नहीं लगता कि इसे चीनी राष्ट्रपति द्वारा किसी की आलोचना या फिर किसी पर आरोप लगाने के रूप में व्याख्या की जानी चाहिए।

वीडियो के आधार पर उठी थीं अटकलें

आपको बता दें, कनाडाई प्रसारकों द्वारा प्रकाशित वीडियो फुटेज में शी चिनफिंग और जस्टिन ट्रूडो को एक दूसरे के करीब खड़े होकर और एक अनुवादक के माध्यम से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने जो कुछ भी चर्चा की थी, वह पेपर में लीक हो गया था, यह उचित नहीं है। शी को मंदारिन भाषा में यह कहते हुए सुना जा सकता है, यह उचित नहीं है।

वार्ता को रखा गया था अनौपचारिक

वहीं, कनाडाई सरकार के एक सूत्र के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच वार्ता को अनौपचारिक रखा गया था। जिसमें बताया गया था कि किसी भी पक्ष द्वारा कोई आधिकारिक रीडआउट क्यों प्रकाशित नहीं किया गया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा कि, चीन कभी भी अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।

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