शी चिनफिंग को क्यों याद आया 70 साल पुराना समझौता? कई देशों के साथ चल रहे टकराव के बीच चीनी राष्ट्रपति ने क्यों की ये मांग
Chinese President Xi Jinping चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मानवता के भविष्य के लिए वैश्विक सुरक्षा की पहल करते हुए 70 वर्ष पूर्व भारत के साथ हुए चीन के पंचशील समझौते को याद किया। उन्होंने कहा कि कहा कि ये पांच सिद्धांत चीन और भारत के समझौते में शामिल हैं। इन्हीं सिद्धांतों पर चीन और म्यांमार में समझौता हुआ है।
पीटीआई, बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को 70 साल पहले भारत के साथ हुए पंचशील समझौते की याद आई है। पूर्वी लद्दाख और कई स्थानों पर भारतीय जमीन पर कब्जा किए बैठा चीन अब विश्व से उस समझौते पर चलने की अपेक्षा कर रहा है जिसका पहला बिंदु संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान है।
चीन के चल रहे कई देशों के साथ टकराव
चिनफिंग ने विश्व में चल रहे टकरावों को खत्म करने के लिए पंचशील के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांत का अनुसरण करने की वकालत की है। राष्ट्रपति चिनफिंग ने पंचशील सिद्धांतों की चर्चा पश्चिमी देशों और कई क्षेत्रीय देशों के साथ चल रहे चीन के टकराव के बीच की है। वैश्विक शांति पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने ग्लोबल साउथ की भी बात कही, जिसमें चीन और भारत सहित दुनिया के ज्यादातर विकासशील देश आते हैं।
चिनफिंग ने पंचशील समझौते को किया याद
चिनफिंग ने मानवता के भविष्य के लिए वैश्विक सुरक्षा की पहल करते हुए 70 वर्ष पूर्व भारत के साथ हुए चीन के पंचशील समझौते को याद किया। यह समझौता भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके चीनी समकक्ष चाउ एन लाई के बीच हुआ था। इसे बाद में गुट निरपेक्ष आंदोलन से जुड़े देशों ने भी स्वीकार किया।सह अस्तित्व के लिए बनाए गए पांच सिद्धांतों पर चलना समय की मांग है। इन सिद्धांतों में देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पालन करना, एक-दूसरे पर आक्रमण न करना, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, बराबरी और परस्पर लाभ के लिए कार्य करना और शांतिपूर्ण ढंग से सह अस्तित्व का सम्मान करना शामिल हैं।- शी चिनफिंग, चीन के राष्ट्रपति
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ये पांच सिद्धांत चीन और भारत के समझौते में शामिल हैं। इन्हीं सिद्धांतों पर चीन और म्यांमार में समझौता हुआ है। सम्मेलन में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और विभिन्न देशों के वे राजनीतिक नेता व अधिकारी शामिल हुए थे जिन्हें चीन के नजदीक माना जाता है। चिन¨फग ने वैश्विक शांति के लिए यह पहल राष्ट्रपति पद के अपने तीसरे कार्यकाल में की है।
यह भी पढ़ेंः