चीन में कोरोना का कहर, लोग बोले- 'अच्छा जीवन नहीं जी सकते तो कम से कम अच्छी मौत तो मिलनी चाहिए'
China Coronavirus चीन में चंद्र नव वर्ष की छुट्टी पर लाखों लोग अपने परिवार से मिलने को लेकर यात्रा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भारी संख्या में लोग संक्रमण का शिकार होने के साथ अपनी जान गंवा सकते हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 18 Jan 2023 02:07 PM (IST)
बीजिंग, एजेंसी। Covid death in China: चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से हर दिन भारी संख्या में लोग अपना दम तोड़ रहे हैं। अब यांग्सी शहर में भी वायरस का रौद्र रूप सामने आया है। यहां के हाईस्कूल की पूर्व शिक्षिका आइलिया के 85 वर्षीय पिता की कोविड जैसे लक्षणों से मौत हो गई। पिता की मौत पर आइलिया ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। हालांकि, उनके पिता का कभी टेस्ट नहीं किया गया था लेकिन आइलिया और उनकी मां दोनों को एक ही समय में पॉजिटिव पाया गया था। इसलिए उनका मानना है कि पिता की मृत्यु में कोविड ही एक कारण था।
लोगों में आक्रोश
चीन में 21 जनवरी से शुरू होने वाले चंद्र नव वर्ष की छुट्टी के लिए लाखों लोग अपने परिवार से मिलने को लेकर यात्रा कर रहे हैं। इससे देश में चिंता बढ़ गई है। माना जा रहा है कि भारी संख्या में लोग संक्रमण का शिकार होने के साथ अपनी जान गंवा सकते हैं। चीन ने भारी विरोध को लेकर तीन साल बाद परीक्षण, यात्रा प्रतिबंध और लॉकडाउन की नीति को दिसंबर 2022 में खत्म कर दिया था। जिसके बाद कोरोना की नई लहर ने देश में बुजुर्गों को खासतौर पर अपना निशाना बनाया। कई लोगों ने बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए तैयारी की कमी के कारण सरकार के प्रति अपना क्रोध जताया।
हर परिवार पर पड़ा प्रभाव
56 साल की आइलिया ने फोन पर कहा कि बाकी सभी चीनी लोगों की तरह उन्होंने भी अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने का समर्थन किया था। उनके पिता की मौत दिसंबर के अंत में हुई थी, जब चीन ने अपने कोविड प्रतिबंध हटा दिए थे। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि चीजें खुलें, लेकिन इस तरह से नहीं खुलनी चाहिए। इतने सारे बुजुर्गों की जान की कीमत पर अर्थव्यवस्था को खोलने कोई आवश्यकता नहीं है, जिसका हर परिवार पर बहुत प्रभाव पड़ा है।टीकाकरण की कमी बनी परेशानी
चीन ने शनिवार को बताया कि कोविड से लगभग 60,000 लोगों ने अस्पताल में जान गंवाई है। लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़ा गलत है, क्योंकि इसमें आइलिया के पिता जैसे लोगों को शामिल नहीं किया गया है, जिनकी घर पर मौत हुई है। चीन के एक अधिकारी ने कहा कि मरने वालों में 90 फीसदी 65 या उससे अधिक उम्र के हैं और औसत उम्र 80 साल है। वृद्ध लोगों के बीच अपर्याप्त टीकाकरण और दवाओं की कम आपूर्ति की वजह से इस तरह के परिणाम सामने आए हैं।
सरकार से लोगों का विश्वास खत्म
एक चीनी अधिकारी ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के 90 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया है। वहीं, 28 नवंबर तक 80 वर्ष से अधिक उम्र के केवल 40 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर शॉट्स प्राप्त हुए हैं। कई विश्लेषकों ने कहा कि चीन द्वारा कोविड से निपटने के तरीके ने सरकार में विश्वास को खत्म कर दिया है। खासकर उच्च-मध्यम वर्ग के शहरी लोगों के बीच, लेकिन उन्होंने इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग या कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के लिए खतरे के रूप में नहीं देखा है।सरकार से इन लोगों को भी शिकायत
वहीं, चीनी शहर वुहान में 33 वर्षीय लीला होंग ने पिछले महीने अपने दादा-दादी और एक चाचा को कोविड के कारण खो दिया। हांग ने कहा कि वो ये नहीं कह रहे कि सबकुछ फिर से खोलना अच्छा नहीं है। लेकिन सरकार को तैयारी के लिए और समय देना चाहिए था। इसके अलावा, 66 वर्षीय बीजिंग निवासी झांग ने कहा कि उन्होंने दिसंबर की शुरुआत से ही अपने चार करीबी लोगों को वायरस से खो दिया है, जिसमें उनकी 88 वर्षीय चाची भी शामिल हैं। दूसरों की तरह, उन्होंने सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने प्रियजनों को अलविदा कहने का अवसर नहीं मिला। अगर हम एक अच्छा जीवन नहीं जी सकते, तो हमें कम से कम एक अच्छी मौत तो मिलनी चाहिए।
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