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'कोविड नहीं है ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी, लेकिन अब भी बना हुआ है जोखिम', चीन के स्वास्थ्य अधिकारी का बयान

चीन के COVID प्रतिक्रिया विशेषज्ञ पैनल के प्रमुख लियांग वानियन ने कहा कि अलर्ट की स्थिति समाप्त होने का मतलब यह नहीं है कि COVID गायब हो जाएगा लेकिन इसके प्रभाव को अब प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 06 May 2023 09:27 AM (IST)
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'कोविड नहीं है ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी, लेकिन अब भी बना हुआ है जोखिम', चीन के स्वास्थ्य अधिकारी का बयान
शेन्जेन (चीन), एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के लिए वैश्विक आपातकालीन स्थिति को समाप्त करने की घोषणा की है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड-19 खत्म हो गया है। वहीं, एक शीर्ष चीनी स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि वायरस हानिकारक बना हुआ है और उच्च जोखिम वाले समूहों के बीच टीकाकरण को बढ़ाते हुए चीन इसकी निगरानी करना जारी रखेगा।

चीन ने दी प्रतिक्रिया

तीन साल पहले हुई कोरोना की उत्पत्ति के बाद WHO ने 5 मई को COVID के लिए अपने उच्चतम स्तर के अलर्ट को समाप्त कर दिया। साथ ही देशों को अब अन्य संक्रामक रोगों के साथ-साथ वायरस का प्रबंधन करने का आदेश दिया है। चीन के COVID प्रतिक्रिया विशेषज्ञ पैनल के प्रमुख लियांग वानियन ने शनिवार को प्रकाशित राज्य मीडिया CCTV के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अलर्ट की स्थिति समाप्त होने का मतलब यह नहीं है कि COVID गायब हो जाएगा, लेकिन इसके प्रभाव को अब प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

चीन करेगा निगरानी

लियांग ने आगे कहा कि चीन कोरोना वायरस के उत्परिवर्तन की निगरानी, उच्च जोखिम और प्रमुख समूहों के बीच टीकाकरण को मजबूत करेगा और कोविड उपचार क्षमताओं में सुधार करेगा। कई देशों के मुकाबले चीन ने लंबे समय तक COVID के खिलाफ जंग लड़ी है। देश में कोरोना के जीरो केस के लिए चीन ने कई महीनों तक देश के अन्य राज्यों में लॉकडाउन लगाए रखा। लेकिन लोगों के प्रदर्शनों के कारण चीन सरकार को झुकना पड़ा और 2022 के अंत में अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया।

चीन का दावा

फरवरी में चीन के टॉप लीडर्स ने दुनिया के सामने दावा किया था कि कोरोना से सबसे कम मृत्यु चीन में हुई। इतना ही नहीं कोरोना पर 'निर्णायक जीत' की बात भी कही गई थी। हालांकि एक्सपर्ट ने चीन के इस दावे और डेटा पर सवाल खड़े कर दिए