Covid In China: चीन में कोरोना का महाविस्फोट, दुनियाभर में तबाही की आशंका; विशेषज्ञ दे रहे भारत का उदाहरण
Covid In China हर दिन हजारों की संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे हैं। विशेषज्ञ अब चीन को कोरोना से कैसे लड़ना चाहिए इसके लिए भारत का उदाहरण दे रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Thu, 22 Dec 2022 08:35 AM (IST)
बीजिंग, एजेंसी। चीन में कोरोना के महाविस्फोट से दुनिया दहशत में है। अमेरिका से लेकर भारत सरकार तक अलर्ट पर है। दुनियाभर के देशों को साल 2019 में वुहान के बाद फैले संकट का डर सता रहा है। चीन में कोरोना सुनामी की तरह बढ़ रहा है । आशंकाएं बढ़ती जा रही है की एक साल के थोड़ी राहत के बाद फिर से वही खौफनाक मंजर न हो जो शुरुआती दौर में था । वहीं पूरे कोरोना महामारी के दौरान चीन ने अपना रुख अलग रखा । चीन ने टीकाकरण पर भी अपना रुख साफ नहीं रखा जो एक महत्वपूर्ण कारण है कोरोना के बढ़ते संक्रमण का ।
जहां सभी देशों ने टीकाकरण पर जोर दिया और अलग-अलग तरह के वैक्सीन को बढ़ावा देकर अपने देश के लोगों को सुरक्षित किया । वहीं, चीन को लेकर शुरू से ही दुनिया को आशंका थी। उसकी वैक्सीन पर भी विश्व जगत को कभी भरोसा नहीं था। भारत की तरह चीन में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भी नही चला था। लोगों को जोर-जबरदस्ती घरों में कैद किया गया। भीड़ को इकट्ठा होने से जरूर रोका गया, लेकिन लोगों में इम्युनिटी विकसित करने पर चीन का जोर कम ही रहा। आज वह इसी गलती को भुगत रहा है।
भारत में बड़े पैमाने पर हुए टीकाकरण ने कोरोना संक्रमण रोकने में अहम भूमिका निभाई है। करोड़ों लोगों को बूस्टर डोज भी दी गई थी, जिसका असर अब साफ दिख रहा है। सर्दियों में कोरोना अधिक तेजी से फैलता है। लेकिन इन महीनों में सामने आ रहे केस बता रहे हैं कि बड़े पैमाने पर चलाए गए टीकाकरण अभियान ने अपना असर दिखाया है। भारत में प्रमुख रूप से दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को दी गई थी। इसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी है।