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Earthquake in China: चीन में भूकंप से मरने वालों की संख्या 93 हुई, 25 लोग अब भी हैं लापता

Earthquake in China सरकारी सीसीटीवी ब्राडकास्टर के अनुसार भारी बारिश से शव क्षत-विक्षत हो गए थे। अभी भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है । इसिलए स्थानीय निवासियों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:45 PM (IST)
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6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने यहां की इमारतों को हिला दिया था
बीजिंग, एजेंसी। चीन के सिचुआन प्रांत में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 93 हो गई है। इसके साथ ही अब भी 25 लोग लापता हैं, संबंधित अधिकारी उनकी तलाश में जुटे हैं।

पश्चिमी चीन में पिछले हफ्ते आए 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने यहां की इमारतों को हिला दिया था। सबसे ज्यादा नुकसान गान्जे तिब्बती स्वयात्त क्षेत्र में हुआ था।

सरकारी सीसीटीवी ब्राडकास्टर के अनुसार, भारी बारिश से शव क्षत-विक्षत हो गए थे। अभी भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इसिलए स्थानीय निवासियों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

भूकंप का असर सिचुआन की राजधानी चेंगदू में भी रहा, जहां के लोग पहले से ही कोविड के चलते सख्त प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। उन्हें अपनी बिल्डिंग छोड़ने की इजाजत नहीं है।

जून में भी आया था जोरदार भूकंप

बता दें कि चीन के सिचुआन प्रांत में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। जून में भी बहुत तेज भूकंप आया था। उस दौरान 2.1 मिलियन की आबादी वाले सिचुआन की प्रांतीय राजधानी चेंगदू से लगभग 100 किलोमीटर पश्चिम में एक कम आबादी वाले क्षेत्र में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके कुछ ही देर बाद पास के एक काउंटी में 4.5 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था। इसके चलते चार लोगों की मौत हो गई थी।

2.1 करोड़ निवासियों में से अधिकांश लोग लॉकडाउन में

वहीं, हाल ही में चेंगदू की स्थानीय सरकार ने घोषणा की कि कुछ जिले जहां कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है, उन्हें सोमवार को फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसके 2.1 करोड़ निवासियों में से अधिकांश लॉकडाउन के अधीन हैं।

चीन में कोरोना को लेकर हैं कड़े प्रतिबंध

बता दें कि चीन लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की अपनी कड़ी प्रणाली पर अड़ा हुआ है, जबकि बाकी दुनिया ने कोरोना के प्रतिबंधों में ढील दी है। हालांकि, चीन के कड़े प्रतिबंधों ने मौतों को कम किया है। लाखों लोगों को एक समय में हफ्तों या महीनों तक कोरोना के चलते अपने घरों में बंद रहे हैं।