China: खाद्य संकट से जूझता चीन, सरकार ने फसलों को बचाए रखने की कवायद शुरू की
इस साल भीषण गर्मी के कारण चीन सूखे की चपेट में है। देश में अनाज की पैदावर बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। इसी बीच मंगलवार को चीनी सरकारी विभागों ने तत्काल आपातकालीन नोटिस जारी कर शरद ऋतु की फसल को गंभीर खतरे की चेतावनी जारी की है।
By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 05:43 PM (IST)
बीजिंग, एजेंसी। चीन में कोरोना महामारी को लेकर जीरो कोविड पॉलिसी लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था पहले ही डगमगाई हुई है। कई छोटे उद्योग और इकाइयां बंद हो चुकी है और जो चल रहे हैं, उनकी हालत ठीक नहीं है। ऐसे में चीन में अब खाने का संकट भी मंडराने लगा है।
दरअसल, इस साल भीषण गर्मी के कारण चीन सूखे की चपेट में है। देश में अनाज की पैदावर बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। इसी बीच मंगलवार को चीनी सरकारी विभागों ने तत्काल आपातकालीन नोटिस जारी कर शरद ऋतु की फसल को गंभीर खतरे की चेतावनी जारी की है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो चीन में सूखे के संखट के बीच भीषण गर्मी में फसलों की उत्पादकता को बचाए रखने के लिए हर संभव को कोशिश जारी है। सरकार की ओर से स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी उपलब्ध उपायों का इस्तेमाल करके प्रचंड गर्मी में फसलों को जीवित रखा जाए।
चीन में कृषि विशेषज्ञ पे ने बताया कि शरद ऋतु में सूखे के संकट के बीच सरसों की खेती को बड़ा नुकसान हो सकता है। वहीं रोजाना आपूर्ति की जाने वाली ताजा सब्जियों की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
सरकारी नोटिस में स्थानीय अधिकारियों से पानी की हर इकाई का सावधानी पूर्वक उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। फसलों को बचाए रखने के लिए सिंचाई, नए जल स्रोतों का डायवर्जन और क्लाउड सीडिंग जैसे तकनीकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर इस मौसम में बाढ़ प्रभावित चीन के दक्षिणी क्षेत्र में पिछले एक महीने के दौरान रिकॉर्ड तोड़ हीटवेव और सूखे ने कहर बरपा रखा है। गर्मी के कारण दर्जनों सहायक नदियों के साथ यांग्त्ज़ी नदी में पानी की भारी कमी हो गई, जिससे जलविद्युत क्षमता काफी प्रभावित हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया रूस-यूक्रेन के युद्ध के अंतरराष्ट्रीय आपूर्त में किल्लत के बीच चीन अब अपने स्वयं के मकई उत्पादन पर अधिक निर्भर है। मकई के फसल का एक बड़ा हिस्सा चीन के सिचुआन और अनहुई में सूखे के कारण नष्ट होने के कगार पर है।