चीन में सूखे की आहट बिगाड़ सकती है विश्व में खाद्यान्न की आमद का समीकरण, कई देश हो सकते हैं प्रभावित
विश्व में पड़ी मौसमी मार का असर इस बार खाद्यान्न सप्लाई पर दिखाई दे सकता है। चीन में जबरदस्त सूखे की आशंका जताई जा रही है। यहां पर हुई कम पैदावार इस समस्या को और अधिक बढ़ा देगी।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 12:43 PM (IST)
नई दिल्ली (एजेंसी)। पूरी दुनिया में बदलता मौसम कई देशों के लिए संकट की वजह बन रहा है। चीन में भीषण गर्मी और कम बारिश की वजह से सूखे की चेतावनी लगातार दी जा रही है। चीन के कुछ प्रांत में इसका असर भी साफतौर पर दिखाई देने लगा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चीन में पैदावार कम होने से विश्व में होने वाली खाद्यान्न की आमद पर असर पड़ सकता है। आपको बता दें कि चीन विश्व में गेहूं और चावल के उत्पादन में नंबर वन देश है। वहीं मक्का उत्पादन में वो विश्व में दूसरे नंबर पर आता है। चीन में पैदावार का कम होने का एक अर्थ ये भी है कि इसका प्रतिकूल असर कई छोटे और गरीब देशों पर भी पड़ सकता है।
भारत की बात करें तो देश की आजादी के बाद भारत ने खाद्यान्न के क्षेत्र में जबरदस्त क्षमता हासिल की है। हरित क्रांति के दौर में भारत ने इस क्षेत्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाया है। यही वजह है कि आज भारत की तरफ विश्व आंख बंद करके बैठा नहीं रह सकता है। विश्व में जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का मक्का उत्पादन में जहां 5वां स्थान है तो वहीं चावल और गेहूं के उत्पादन में वो दूसरे नंबर पर आता है। आईये डालते हैं एक नजर
वर्ष 2019 के आंकड़े बताते हैं कि विश्व में मक्का उत्पादन में सबसे ऊपर अमेरिका (346 लाख टन) था। इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन (261 लाख टन), तीसरे नंबर पर ब्राजील (101.1 लाख टन), चौथे नंबर पर अर्जेंटीना (56.9 लाख टन), पांचवें नंबर पर यूक्रेन (35.6 लाख टन), छठे नंबर पर भारत के साथ मैक्सिको (27.2 लाख टन), सातवें नंबर पर इंडोनेशिया (22.6 लाख टन), आठवें नंबर पर रोमानिया (17.4 लाख टन) था। इसमें अन्य देश कुल 245.8 लाख टन मक्का का उत्पादन करते हैं।
चावल के उत्पादन में चीन 211.4 लाख टन उत्पादन के साथ नंबर एक पर था। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत (177.6 लाख टन), तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया और बांग्लादेश (54.6 लाख टन), चौथे नंबर पर वियतनाम (43.5 लाख टन), पांचवें नंबर पर थाईलैंड (28.6 लाख टन), छठे नंबर पर म्यांमार (26.3 लाख टन), सातवें नंबर पर फिलीपींस (18.8 लाख टन), आठवें नंबर पर कंबोडिया (10.9 लाख टन) था। अन्य देशों ने इस दौरान कुल 124.7 लाख टन चावल का उत्पादन किया था।
गेहूं के उत्पादन में चीन 133.6 लाख टन उत्पादन के साथ एक नंबर पर था। इसके बाद भारत 103.6 (लाख टन), तीसरे नंबर पर रूस (74.5 लाख टन), चौथे नंबर पर अमेरिका 52.6 लाख टन, पांचवें नंबर पर फ्रांस (40.6 लाख टन), छठे नंबर पर कनाडा (32.7 लाख टन), सातवें नंबर पर यूक्रेन (26.4 लाख टन), आठवें नंबर पर पाकिस्तान (24.3 लाख टन) का नाम शामिल है। 2019 में अन्य देशों ने कुल 251.7 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया था।