Move to Jagran APP

चीन में फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी अब बनाएगी कोरोना से निपटने के लिए मास्क और अन्य उपकरण

चीन ने अपने यहां फाइटर जेट बनाने वाली कंपनियों को फिलहाल मास्क ग्लव्स और अन्य चीजें बनाने की फैक्ट्री लगाने के निर्देश दिए हैं जिससे ये मेडिकल उपकरण पूरे किए जा सके।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 02:01 PM (IST)
चीन में फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी अब बनाएगी कोरोना से निपटने के लिए मास्क और अन्य उपकरण
बीजिंग। कोरोनावायरस के दुष्प्रभावों से सबसे अधिक प्रभावित रहा चीन अब दूसरे देशों को इससे निपटने के लिए मदद करने की तैयारी कर रहा है। इसको देखते हुए अपने यहां कई इंडस्ट्रीज को इसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों का निर्माण करने के लिए लगा दिया है। जब कोरोनावायरस का प्रकोप शुरू हुआ था, उस दौरान खुद चीन में ही मास्क और अन्य जरूरी चीजें कम हो गई थी जिसको देखते हुए उसे दूसरे देशों से मास्क, सेफ्टी ड्रेस, ग्लव्स और अन्य चीजें खरीदनी पड़ी थी। 

महामारी घोषित होने के बाद जरूरी उपकरण बनाने के निर्देश जारी 

दूसरे देशों ने भी इसकी गंभीरता को देखते हुए चीन को मास्क और अन्य जरूरी चीजों से मदद की थी। अब चीन में कुछ हद तक हालात सामान्य हुए हैं मगर चीन से बाहर निकलकर इस वायरस ने दूसरे देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। चीन के बाद इटली और ईरान इससे सबसे अधिक प्रभावित है। अब चीन ने अपने यहां कई इंडस्ट्रीज को कोरोनावायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल में आने वाले उपकरणों का निर्माण करने में लगा दिया है। जिससे वो बाकी देशों को इस तरह के उपकरण मुहैया करवा सके। 

एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना को मास्क बनाने के निर्देश 

चीन के एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) को फिलहाल मास्क बनाने के उपकरण लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ये कंपनी जे20 स्टील्थ फाइटर जेट विमान बनाने का काम करती है। चीन के ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अब इस कंपनी को अपने प्लांट में मास्क बनाने का प्लांट लगाने के लिए कहा गया है। कंपनी जो प्लांट लगाएगी वहां से प्रति मिनट 100 मास्क बनाए जाएंगे। प्लांट लगाने के बाद ये कंपनी अगले कुछ माह तक 24 घंटे सिर्फ मास्क का ही निर्माण करेगी। 

एजेंसी के अनुसार अन्य कुछ फैक्ट्रियों को भी इसी तरह से सेफ्टी ड्रेस और ग्लव्स बनाने के लिए कहा गया है जिससे उसे अब बाकी प्रभावित देशों तक पहुंचाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बुधवार को कोरोनावायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है, इसके बाद से दुनिया के देशों में चिंता बढ़ गई है। अब इस वायरस से बचाव के लिए इस तरह के उपकरणों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, इसको ध्यान में रखते हुए चीन ने अपने यहां ऐसी कंपनियों को ऐसी मशीनें लगाकर ये उपकरण तैयार करने के निर्देश दे दिए है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को चेताया 

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organization) ने दुनिया को चेताया है कि कोरोना से निपट रहे स्‍वास्‍थ्‍यकर्ताओं के लिए जल्‍द ही प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की सप्‍लाई को बढ़ाना होगा। यदि ऐसा न हुआ तो समस्‍या खड़ी हो सकती है। डब्‍ल्‍यूएचओ की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के बचाव की चीजों में कमी पर गहरी चिंता जताई गई है। इस पर संगठन ने इंडस्‍ट्री और सरकारों को विश्‍व में बढ़ती मांग के मुताबिक प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की मैन्‍यूफैक्‍चरिंग को 40 फीसद तक बढ़ाने की अपील की है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की 3 मार्च को जारी रिपोर्ट के मुताबिक चीन के अलावा 72 देशों में कोरोना वायरस फैला हुआ है। 

जिन देशों में इस तरह से सेफ्टी मास्क की कमी है वहां पर कपड़े का मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप और प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की कमी को देखते हुए संगठन ने दुनिया के 47 देशों में इनकी सप्‍लाई की है। इसमें मास्‍क, दस्‍‍‍‍‍ताने गूगल्‍स, फेस शील्‍ड, गाउन और एप्रेन शामिल हैं। जिन देशों में इन चीजों की सप्‍लाई की गई है उसमें से ज्‍यादातर अफ्रीका के हैं। इसके अलावा अफगानिस्‍तान,, ईरान, पाकिस्‍तान, भूटान, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, नेपाल भी शामिल हैं। 

सरकारों को तेजी से कदम उठाने के निर्देश 

संगठन के महानिदेशक डॉक्‍टर टेडरॉस अधनोम घेबरेसस ने ये भी कहा है कि कोरोना को देखते हुए सरकारों को तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। सरकारों को चाहिए कि इसको लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए होर्डिंग लगाए जाने चाहिए। लेकिन इससे भी ज्‍यादा जरूरी अपने स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को बचाकर रखने की है। कोरोना वायरस के सामने आने के बाद से एन95 मास्‍क समेत प्रोटेक्टिव गाउन की मांग दोगुना हो गई है।

संगठन ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि मांग के मुताबिक प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की सप्‍लाई करने में एक महीने तक का समय लग सकता है। संगठन के मुताबिक COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए हर माह लगभग 9 करोड़ मेडिकल मास्‍क की जरूरत है। इसके अलावा करीब आठ करोड़ दस्‍ताने और करीब दो करोड़ गूगल्‍स की भी जरूरत होगी।

इन देशों में की है डब्‍ल्‍यूएचओ ने प्रोटेक्टिव इक्‍यूमेंट्स की सप्‍लाई

कंबोडिया, फिजी, किरीबाती, लाओ पिपुल्‍स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मंगोलिया, नोरू, पापुआ न्‍यूगिनी, समोआ, सोलोमान द्वीप, टोंगा, वेनाटू, फिलीपींस, बांग्‍लादेश, भूटान, मालदीव, म्‍यांमार, नेपाल, तिमूर-लेस्‍ते, अफगानिस्‍तान, जिबूती, लेबनान, सोमालिया, पाकिस्‍तान, सूडान, जोर्डन, मोरक्‍को, ईरान, सेनेगल, अल्‍जीरिया, इथियोपिया, टोगो, आइवरी कॉस्‍ट, मॉरीशस, नाइजीरिया, यूगांडा, तंजानिया, अंगोला, घाना, केन्‍या, जांबिया, इक्‍यूटॉरियल गुएना, गांबिया, मेडागास्‍कर, मॉरिशनिया, मोजांबिक, सिशेल्‍स और जिंबाव्‍बे शामिल हैं।