चीन में सुरक्षित नहीं विदेशी पत्रकार, हर दिन करना पड़ रहा उत्पीड़न का सामना; Visa की भी हो रही परेशानी
चीन में रिपोर्टिंग कर रहे विदशी पत्रकारों को लगातार वीजा समस्याओं पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। वैश्विक महामारी के बाद से चीन में रिपोर्टिंग स्थितियों में सुधार हुआ है। एफसीसीसी सर्वेक्षण में पाया गया कि 81 प्रतिशत रिपोर्टिंग स्थितियों में कुछ हद तक सुधार हुआ है। लेकिन लगभग सभी पत्रकारों ने कहा कि रिपोर्टिंग का माहौल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है।
एएनआई, बीजिंग। चीन से बेहद ही परेशान कर देने वाली खबर सामने आई है। वहां रिपोर्टिंग कर रहे विदशी पत्रकारों को लगातार वीजा समस्याओं, पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) ने फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ चाइना (एफसीसीसी) के वार्षिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट जारी की है।
हालांकि, वैश्विक महामारी के बाद से चीन में रिपोर्टिंग स्थितियों में सुधार हुआ है। एफसीसीसी सर्वेक्षण में पाया गया कि 81 प्रतिशत रिपोर्टिंग स्थितियों में कुछ हद तक सुधार हुआ है। लेकिन, लगभग सभी पत्रकारों ने कहा कि रिपोर्टिंग का माहौल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है।
विदेशी पत्रकारों को आ रही ये मुश्किलें
- लॉन्ग टर्म वीजा रखने में कठिनाई
- विदेशी समाचार ब्यूरो में कर्मचारियों की कमी होना
- पत्रकारों को काम के दौरान पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा रोका जाना
- शिनजियांग और सीमावर्ती क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय उत्पीड़न का सामना करना
चीन का प्रेस स्वतंत्रता रिकॉर्ड सबसे खराब
बता दें कि एफसीसीसी हर साल एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और उत्तरी अमेरिका को कवर करते हुए 155 से अधिक संवाददाताओं का सर्वेक्षण करता है। इसकी नवीनतम रिपोर्ट उस सर्वेक्षण की 101 प्रतिक्रियाओं पर आधारित है, जिसमें विदेशी मीडिया के लिए कामकाजी परिस्थितियों पर ध्यान दिया गया था। प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक पर, चीन का प्रेस स्वतंत्रता रिकॉर्ड सबसे खराब रहा है।यह 180 देशों में से 179वें स्थान पर है, जहां कोई सबसे अच्छा वातावरण दिखाता है। मीडिया निगरानी संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा कि चीन दुनिया भर में पत्रकारिता और सूचना के अधिकार के खिलाफ दमन का अभियान चला रहा है।यह भी पढ़ें: China-India relations: 'भारत के साथ मजबूत संबंध दोनों देशों के हित में', PM Modi की टिप्पणी पर चीन ने और क्या कुछ कहा?