मालदीव के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करता हूं, भारत के साथ विवाद के दौरान सामने आया चीन का बयान
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है।मालदीव के राष्ट्रपति चीन की यात्रा पर हैं।उन्हें चीन समर्थक नेता माना जाता है।शीर्ष चीनी नेताओं के साथ मुइज्जू की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष अपने-अपने मूल हितों की रक्षा में एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन जारी रखने पर सहमत हैं।
पीटीआई, बीजिंग। चीन ने गुरुवार को बिना किसी देश का नाम लिए हुए कहा कि वह मालदीव के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है। साथ ही संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने में द्वीप राष्ट्र का समर्थन करता है। चीन का यह बयान मालदीव और भारत के बीच विवाद के दौरान सामने आया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की राजनयिक यात्रा पर हैं। उन्हें चीन समर्थक नेता माना जाता है। शीर्ष चीनी नेताओं के साथ मुइज्जू की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष अपने-अपने मूल हितों की रक्षा में एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखने पर सहमत हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक चीन नीति का किया समर्थन
मालदीव ने कहा कि वह एक-चीन सिद्धांत के प्रति दृढ़ता जताता है। पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है और ताइवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है। मालदीव ने कहा कि चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी बयान या कार्रवाई का वह विरोध करता है। वह ताइवान के साथ किसी भी प्रकार के आधिकारिक संबंध विकसित नहीं करेगा।