भारत-चीन ‘एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं’ की आम राय मानने पर सहमत, चीनी विदेश मंत्री ने सरकारी मीडिया से बातचीत में किया दावा
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान उन्होंने गौर से महसूस किया कि दोनों पक्ष के नेता इस आम राय को मानने के लिए सहमत हुए थे कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं।
By Amit SinghEdited By: Updated: Wed, 30 Mar 2022 06:09 AM (IST)
बीजिंग, प्रेट्र: चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान उन्होंने गौर से महसूस किया कि दोनों पक्ष के नेता इस आम राय को मानने के लिए सहमत हुए थे कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं और अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं। वांग ने 25 मार्च को नई दिल्ली की अपनी अघोषित यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत की थी।
द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना आवश्यक: वांगचीन के सरकारी मीडिया को नई दिल्ली में हुई अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए वांग ने कहा, 'उन्होंने बेहद गौर से महसूस किया कि दोनों पक्ष दोनों देशों की इस महत्वपूर्ण आम राय को मानने के लिए सहमत हैं कि वे एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। दोनों देशों के लिए चिंता की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करना, मतभेदों को दूर करना और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
भारत-चीन प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार'सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' की खबर के अनुसार वांग ने कहा कि भारत-चीन प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार हैं और उन्हें एक-दूसरे को सफल होने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने बीजिंग के इस रुख को दोहराया कि परिपक्व और तर्कसंगत पड़ोसियों के रूप में चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों में सीमा मुद्दे को उचित स्थान पर रखना चाहिए और इसे द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास में बाधा नहीं बनने देना चाहिए।
तनाव क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने पर जोरभारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने पर जोर दिया था। उन्होंने वांग से कहा था कि यदि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति असामान्य है तो द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।