India Maldives Row: भारत से विवाद के बीच मालदीव और चीन के बीच 20 समझौते, यूरोपीय संघ की रिपोर्ट में हुए हैरान करने वाले खुलासे
भारत के साथ विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ बुधवार को बैठक की। इसके बाद दोनों देशों ने 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया गया। 12 जनवरी को माले लौटने से पहले मुइज्जू के चीनी प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
पीटीआई, बीजिंग। भारत के साथ विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ बुधवार को बैठक की। इसके बाद दोनों देशों ने 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया गया। 12 जनवरी को माले लौटने से पहले मुइज्जू के चीनी प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
मुइज्जू की यह चीन यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उनके मंत्रियों की टिप्पणियों और मालदीव के यूरोपीय संघ चुनाव अवलोकन मिशन की रिपोर्ट जारी होने के बीच हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में भारत विरोधी भावनाओं को प्रमुखता दी और गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया, जिससे मुइज्जू ने जीत हासिल की थी।
चीन के सामने पर्यटक भेजने के लिए गिड़गिड़ाते नजर आए मुइज्जू
चीन के फुजियान प्रांत में मंगलवार को राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित किया। यहां वह चीन के सामने पर्यटक भेजने के लिए गिड़गिड़ाते नजर आए। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि चीन अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करे।
पर्यटन के हिसाब से भारत है चीन से आगे
उन्होंने कहा कि कोविड से पहले चीन मालदीव का पर्यटन के लिहाज से नंबर एक बाजार था। मालदीव पर्यटन मंत्रालय द्वारा हाल में जारी आंकड़े के अनुसार, 2023 में पर्यटन के हिसाब से भारत से आने वालों की संख्या सबसे अधिक थी। रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर था।
मालदीव में चुनाव के दौरान भारत के खिलाफ किया गया था दुष्प्रचार
मालदीव में 2023 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान भारत विरोधी भावनाओं को उभारा गया और इस विषय पर दुष्प्रचार का प्रयास किया था। यूरोपीय संघ (ईयू) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने दुष्प्रचार किया था। मालदीव के लिए यूरोपियन इलेक्शन ऑब्जरवेशन मिशन (ईयू ईओएम) ने पिछले साल नौ और 30 सितंबर को हुए दो दौर के चुनाव पर मंगलवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित की।
ईयू ईओएम ने अपमानजनक भाषा के उदाहरण देखे
राष्ट्रीय अधिकारियों के निमंत्रण पर हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय राष्ट्र में 11 सप्ताह के लंबे अवलोकन के बाद ईयू ईओएम ने कहा कि पीपीएम-पीएनसी गठबंधन द्वारा चलाया गया अभियान राष्ट्र पर भारत के प्रभाव की आशंकाओं पर आधारित था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईयू ईओएम पर्यवेक्षकों ने पीपीएम-पीएनसी की ओर से राष्ट्रपति के प्रति अपमानजनक भाषा के उदाहरण देखे हैं।
वित्तीय व्यय में पारदर्शिता का अभाव देखा गया
इसमें कहा गया कि पार्टियों के अभियान में भारत विरोधी भावनाएं शामिल थीं। देश के अंदर भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति के बारे में भी चिंता प्रकट की गई थी। इसके साथ ही ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियान चलाए गए। ईयू मिशन ने उल्लेख किया कि राजनीतिक और प्रचार अभियान के तहत धन उगाहने और वित्तीय व्यय में पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी का अभाव देखा गया।
सरकारी मीडिया सहित मीडिया का राजनीतिक पक्षपात
ईयू ईओएम ने सरकारी मीडिया सहित मीडिया के राजनीतिक पक्षपात को भी दर्ज किया, जबकि इंटरनेट मीडिया में सूचना में हेरफेर के भी कुछ संकेत मिले। उस समय के मौजूदा राष्ट्रपति, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, पिछले साल फिर से चुनाव में उतरे थे। विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन द्वारा समर्थित पीएनसी के मोहम्मद मुइज्जू ने उन्हें हराकर 54 प्रतिशत वोटों के साथ चुनाव जीता।
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