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एलएसी पर युद्धाभ्यास से पहले चीन ने छेड़ा कश्मीर राग, कहा, बातचीत के जरिये भारत-पाक सुलझाएं मसला

संपूर्ण जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़ रहा है। विदेश मंत्रालय ने इसी साल मार्च में कहा था चीन सहित अन्य देशों को कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मुद्दों पर टीका-टिप्पणी से परहेज करता है।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 27 Oct 2022 10:22 PM (IST)
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चीन ने गुरुवार को भारत व पाकिस्तान को बातचीत व परामर्श के जरिये कश्मीर मुद्दा सुलझाने की सलाह दी
 बीजिंग, प्रेट्र। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक भारत और अमेरिका के सैनिकों के युद्धाभ्यास से पहले चीन ने कश्मीर राग छेड़ा है। कहा है कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये कश्मीर मसला सुलझा लेना चाहिए। कश्मीर को लेकर किसी भी देश को एकतरफा फैसले नहीं लेने चाहिए, इससे स्थिति और जटिल हो जाएगी। । भारत कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की गुंजाइश को हमेशा खारिज करता रहा है।

यह भारत-पाकिस्तान के बीच इतिहास का एक शेष मुद्दा

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर कहा, 'यह भारत-पाकिस्तान के बीच इतिहास का एक शेष मुद्दा है। इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों व प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से निपटाना चाहिए। संबंधित पक्षों को स्थिति को और जटिल बनाने वाली एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए। विवाद सुलझाने तथा क्षेत्र में शांति-स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत करनी चाहिए।'

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भारत ने कहा, कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं

संपूर्ण जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़ रहा है। विदेश मंत्रालय ने इसी साल मार्च में कहा था, 'चीन सहित अन्य देशों को कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मुद्दों पर किसी तरह की टीका-टिप्पणी से परहेज करता है।' भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।

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अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद तनाव पूर्ण रहे हैं भारत- पाक संबंध

कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उपजे सीमापार आतंकवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद करने और 5 अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद द्विपक्षीय संबंध समाप्त हो गए। भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को समाप्‍त कर दिया था और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया था, तब से पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार संबंध काफी हद तक खत्‍म प्राय हो गए है।