Move to Jagran APP

Belt and Road फोरम में तीसरी बार शामिल नहीं होगा भारत, चीन का सबसे बड़ा कर्जदार देश करेगा बीजिंग का दौरा

बीजिंग में 17-अक्टूबर को तीसरा बीआरआइ फोरम आयोजित किया जा रहा है। भारत लगातार तीसरी बार इस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने के लिए तैयार है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले दो बीआरआई सम्मेलनों की तरह भारत इस साल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लेगा। बता दें कि भारत अभी भी बीआरआई की अपनी आलोचना पर कायम है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 16 Oct 2023 04:36 PM (IST)
Hero Image
Belt and Road फोरम में तीसरी बार शामिल नहीं होगा भारत(Image: Reuter)
पीटीआई, बीजिंग। चीन मंगलवार (17 अक्टूबर) को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इस सम्मेलम में पाकिस्तान, तलिबान और रूस देश शामिल होगा। वहीं, भारत लगातार तीसरी बार इस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने के लिए तैयार है।

चीन द्वारा दो दिवसीय बेल्ट एंड रोड फोरम फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (BRFIC) का आयोजन की काफी आलोचना भी की जा रहा है। इस साल राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पसंदीदा परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के 10 साल पूरे हो रहे हैं। बता दें कि चीन ने 2017 और 2019 में अपनी मेगा वैश्विक बुनियादी ढांचा पहल के लिए दो अंतरराष्ट्रीय मंचों का आयोजन किया था। इन दोनों ही बैठकों से भारत दूर रहा था।

तीसरी बार चीन के BRI फोरम में शामिल नहीं होगा भारत

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले दो बीआरआई सम्मेलनों की तरह भारत इस साल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लेगा। बता दें कि भारत अभी भी बीआरआई की अपनी आलोचना पर कायम है। विशेष रूप से इसका प्रमुख 60 अरब अमेरिकी डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) नई दिल्ली की संप्रभुता चिंताओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के माध्यम से बनाया जा रहा है।

140 से अधिक देश होंगे सम्मेलन में शामिल 

अब तक, 140 से अधिक देशों और 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों, जिनमें राज्य के नेता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख, मंत्रिस्तरीय अधिकारी और व्यापार क्षेत्र, शिक्षा और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। चीनी उप विदेश मंत्री मा झाओक्सू ने कहा कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए 4,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है। रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक में भाग लेंगे।

श्रीलंका भी होगा शामिल 

इस बैठक में, विशेष रूप से श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल होंगे। बता दें कि श्रीलंका पर कुल 46.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है, जिसका 52 फीसदी हिस्सा उसके सबसे बड़े ऋणदाता चीन का है। चीन ने श्रीलंका के अलावा पाकिस्तान को भी भारी मात्रा में लोन दिया हुआ है।

वहीं, 11 अक्टूबर को कोलंबो में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) की 23वीं मंत्रिपरिषद की बैठक में बोलते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को अव्यवहार्य परियोजनाओं में "छिपे हुए एजेंडे" के खतरों से दूर रहने के लिए आगाह किया।

यह भी पढ़े: 'नरक से बदतर हो गई है जिंदगी', 'मौत आए पर ऐसा दिन न आए'; गाजा पट्टी के लोगों को मिला जिंदगी भर का दर्द, सुना रहे आपबीती

यह भी पढ़े: उत्तर कोरिया का दौरा करेंगे रूस के विदेश मंत्री, यूक्रेन के खिलाफ सैन्य उपकरण देने का अमेरिका ने किया दावा