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क्या है एनाकोंडा रणनीति? जिसके सहारे ताइवान पर चीन कस रहा शिकंजा; शी जिनपिंग ने बनाया चंगुल में फंसाने का प्लान

चीन ने ताइवान के खिलाफ एनाकोंडा रणनीति को अपनाया है। चीन के इस प्लान की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। चीन अपनी इस रणनीति से ताइवान पर शिकंजा कस रहा है। हाल ही में ताइवान के कमांडर एडमिरल ने खुद चीन की इस रणनीति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन की चाल है कि ताइवान को गलती करने पर मजबूर किया जाए।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 03:44 PM (IST)
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China Anaconda Strategy: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन लंबे समय से ताइवान पर कब्जा जमाना चाह रहा है। मगर उसकी यह ख्वाहिश अभी तक अधूरी है। भारत के खिलाफ 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' की रणनीति बनाने वाले चीन ने अब ताइवान की रणनीतिक घेरेबंदी का खास प्लान तैयार किया है। चीन के इस प्लान को एनाकोंडा स्ट्रैटजी नाम दिया गया है।

हाल ही में एक इंटरव्यू में ताइवान के नौसेना कमांडर एडमिरल तांग हुआ ने दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ताइवान के खिलाफ 'एनाकोंडा रणनीति' का इस्तेमाल कर रही है। पहली बार 1861 से 1865 तक चले अमेरिकी गृह युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल विनफील्ड स्कॉट ने एनाकोंडा रणनीति का इस्तेमाल किया था।

एनाकोंडा स्ट्रैटजी में क्या-क्या शामिल?

चीन की एनाकोंडा स्ट्रैटजी में साइबर हमले, मनोवैज्ञानिक रणनीति और सैन्य युद्धाभ्यास को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य ताइवान को घेरना है। इस रणनीति से चीन पहले ताइवान की सुरक्षा को कमजोर करना चाहता है। इसके बाद उसकी ऊर्जा जरूरतों को निशाना बनाएगा। चीन ताइवान के अंदर भी भारी उथल-पुथल मचाने के प्लान पर काम कर रहा है।

कैसे काम करती हैं एनाकोंडा स्ट्रैटजी?

यह रणनीति ठीक वैसे काम करती है, जैसे एक एनाकोंडा अपने शिकार पर हमला करता है। एनाकोंडा सबसे पहले अपने शिकार को देखता है। इसके बाद लंबा इंतजार करता है। कहा जाता है कि वह कई घंटो या कई दिनों तक अपने शिकार के इंतजार में एक अवस्था में पड़े रहते हुए इंतजार कर सकता है। जब शिकार उसके करीब पहुंचता है तो बहुत तेजी से हमला करता है। इससे शिकार को बचने तक का मौका नहीं मिलता है। एनाकोंडा अपने शिकार को चारों तरफ से जकड़ लेता है। इसके बाद दम घोट कर उसकी जान ले लेता है। चीन भी ताइवान के खिलाफ इसी रणनीति पर काम कर रहा है।

नाकेबंदी करना रणनीति का अहम हिस्सा

एनाकोंडा अपने शिकार को इतना जकड़ लेता है कि उसके शरीर में खून का संचार बंद हो जाता है। ताइवान के खिलाफ भी चीन यही प्लान कर रहा। सबसे पहले वह चीन को घेरकर उसकी सप्लाई चेन को बाधित करना चाहता है। इसके बाद ताइवान के अंदर अराजकता फैलाने का प्लान है ताकि ताइवान पूर्ण हमले से पहले ही चीन के आगे घुटने टेक दे।

एनाकोंडा रणनीति: क्या कर सकता है चीन?

  • चीन ताइवान पर सीधे हमला करने से बचेगा। वह ताइवान के खिलाफ साइबर हमला कर सकता है। गलत सूचनाओं के आधार पर अराजकता फैला सकता है।
  • ताइवान की आर्थिक नाकाबंदी करने का प्लान। ताकि घुटनों पर लाया जा सके।
  • ताइवान की घेरेबंदी करके इसका संपर्क दुनिया के अन्य देशों से काट सकता है।
  • अगर चीन ने घेराबंदी की तो ताइवान में ऊर्जा संकट खड़ा हो सकता है।
  • चीन ताइवान के हरित ऊर्जा जैसे सोलर पावर प्लांट आदि को निशाना बना सकता है।
  • ताइवान को चीन हवाई और जलमार्ग दोनों तरफ से घेरने में जुटा है। उसकी सेना ताइवान के करीब पहुंच रही है।

युद्ध से पहले थकाने का प्लान

चीन की वायुसेना और नौसेना लगातार घुसपैठ करने की कोशिश करने में जुटी हैं। ताइवान के चारों तरफ चीनी युद्धपोतों और सैनिकों का जमावड़ा है। इसका लक्ष्य यह है कि ताइवान की सेना को युद्ध से पहले ही थका दिया जाए। एडमिरल तांग के मुताबिक ताइवान टकराव से बच रहा है। मगर चीन की कोशिश यह है कि ताइवान को एक गलती करने पर मजबूर करना है। अगर ताइवान ऐसी गलती करता है तो चीन इसी के सहारे नाकेबंदी शुरू कर देगा।

क्या कहते हैं आंकड़े?

  • ताइवान के आसपास चीनी घुसपैठ दोगुनी हो गई। इसी साल की शुरुआत में 142 चीनी जहाजों की गतिविधि देखी गई। मगर अगस्त में यह आंकड़ा 282 तक पहुंच गया।
  • जनवरी में चीन ने 36 बार हवाई घुसपैठ की। मगर सितंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 193 तक पहुंच गया।
  • चीन ने 2024 में ताइवान के करीब 111 विमान और 46 नौसैनिक जहाजों को तैनात किया था।
  • चीन के 82 सैन्य विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को भी पार किया।
  • ताइवान के खिलाफ चीनी युद्धाभ्यास में J-20, J-16 लड़ाकू विमान और 052D विध्वंसक शामिल हैं।