Macau covid tests: मकाऊ में कोरोना का कहर, निवासियों का होगा मास टेस्टिंग, कैसीनों में बंद 1500 लोग
China के बाद अब मकाऊ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। बता दें कि देश के सभी कैसीनों को बंद कराने का आदेश दिया गया है। वहीं कैसीनों में मौजूद स्टाफ और मेहमानों को अंदर ही तीन दिनों के लिए बंद रहने के निर्देश दिए गए है।
हांगकांग, रायटर्स। Macau mass covid tests: कोरोना महामारी से अब भी ऐसे कई देश है जो उबर नहीं पाए है। चीन भी उसी देश में से एक है। यहां अब तक सख्त लॉकडाउन लागू है और लोगों को घरों में कैद रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल कुछ मकाऊ देश का भी हो रखा है। पिछले हफ्ते कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मंगलवार को 700,000 निवासियों का कोरोना टेस्ट कराया गया।
कैसीनों के अंदर कैद 1500 लोग
अधिकारियों को देश के प्रमुख कैसीनों को भी सील करने का आदेश दे दिया है जिसमें 1500 लोग अंदर ही बंद रहने को मजबूर है। मकाऊ, दुनिया का सबसे बड़ा जुआ केंद्र है और मंगलवार को यहां के निवासियों को पीसीआर टेस्ट कराने और प्रतिदिन रेपिड एंनटीजेन टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
अधिकारियों को यकीन है कि एक दिन निवासियों का कोरोना टेस्ट पूरा किया जा सकता है। अधिकारियों ने रविवार को एमजीएम चीन के कोटाई कैसीनों को बंद कर दिया है। इसके अलावा कैसीनों में मौजूद स्टाफ और मेहमानों को तीन दिन तक अंदर रहने का आदेश सुनाया गया है। इन्हें कब बाहर निकाला जाएगा इसकी जानकारी अब तक नहीं दी गई है।
मकाऊ में कोरोना के केस बढ़े
लगभग तीन महीने के अंतराल में देश में कोरोना के एक भी मामले सामने नहीं आए थे लेकिन पिछले कई दिनों के भीतर कोरोना के मामलों में अचानक तेजी देखने को मिली। कोरोना के 11 नए मामले आने के बाद कैसीनों के अधिकारियों और निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। मकाऊ, चीन का प्रशासनिक क्षेत्र है और इस देश ने भी चीन की जीरो कोविड पॉलिसी को अपनाया हुआ है। इस पॉलिसी के तहत कोरोना से मुक्त होने के लिए देश में सख्त लॉकडाउन लगाया जा रहा है।
चीन की एप्पल फैक्ट्री पर कोरोना सख्ती
गौरतलब है कि, चीन के झेंग्झौ में फॉक्सकॉन संयंत्र पर कोरोना पांबदी और लॉकडाउन लगा दिया गया है, जिसके कारण लोग कारखाने को छोड़कर भाग रहे है। एप्पल आइफोन का निर्माता फॉक्सकॉन में लाखों कर्मचारी काम करते है लेकिन लॉकडाउन के डर से बचने के लिए यहां के कर्मचारी पैदल ही अपने घर की और भाग रहे है। कोरोना सख्ती और पांबदियों से बचने के लिए कर्मचारी काम छोड़कर भाग रहे हैं।