करिश्मा! चीन में भूकंप के बाद पहाड़ों में खोया शख्स 17 दिन बाद मिला, जानिए- कैसे बची जान
बचाव दल को डर था कि गान तापमान गिरने के शिकार ना हो गये हों. इस सप्ताह की शुरुआत में स्थानीय किसान नी ताइगाओ पहाड़ की तलहटी में अपने गांव लौट आए जहां हाइड्रोपावर प्लांट स्थित है और गान के बारे में सुना।
By AgencyEdited By: TilakrajUpdated: Fri, 23 Sep 2022 02:30 PM (IST)
बीजिंग, एपी। चीन में आए विनाशकारी भूकंप में 90 से ज्यादा लोग मारे गए और कई लोग अब भी लापता बताए गए। इस बीच एक शख्स जो भूकंप के बाद लापता हो गया था, जिसे अब 17 दिन बचा लिया गया है। ये किसी करिश्मे से कम नहीं है। ये शख्स 5 सितंबर से लापता था और परिवारवालों ने इसके जिंदा बचने की उम्मीद भी लगभग छोड़ दी थी। लेकिन कहते हैं न- जाको राखे साइयां मार सके न कोय! हालांकि, इस दौरान पहाड़ों में शख्स कैसे जिंदा रहा?
ये चमत्कार नहीं तो और क्या...!
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है। गान यू जो सिचुआन के वैनडोंग हाइड्रोपावर प्लांट के कर्मचारी हैं। बुधवार को उन्हें स्थानीय गांववालों ने जिंदा, लेकिन घायल अवस्था में पाया। चीन के सरकारी रेडियो सीएनआर ने इस घटना को करिश्मा बताया है।
चलते जा रहे थे, लेकिन पता नहीं जाना कहा है!
स्थानीय एजेंसी के मुताबिक, सिचुआन प्रांत के लोग इस दिन को शायद ही कभी भुला पाएंगे। गान 5 सितंबर को अपने साथी लुओ योंग के साथ ड्यूटी पर थे, तभी भूकंप के जोरदार झटकों से लोग सहम गए। भूकंप के दौरान बांध टूटने का खतरा था, जिससे भारी नुकसान हो सकता था। ऐसे में यू और लुओ घायल सहयोगियों की मदद और बांध टूटने से बचाने के लिए वहां रुक गए थे। स्थिति जब गंभीर हुई, तो उन्होंने पावर स्टेशन को छोड़कर निकलना चाहा। इस दौरान ये दोनों करीब 20 किलोमीटर पैदल चले। गान की आंखें कमजोर हैं और भूकंप के दौरान उनका चश्मा भी खो गया, ऐसे में उन्हें पहाड़ों पर रास्ता खोजने में दिक्कत आने लगी।घास, बांस और पत्तों का एक बिस्तर बने सहारा
लुओ ने सीएनआर को बताया कि हमने अपने कपड़े उतार दिए और उन्हें पेड़ों पर पर लटका दिए, ताकि कोई उन्हें दूर से देख सके। इसके अलावा उन्होंने कई बार हाथ में कपड़ों को लेकर हिलाया, ताकि उनकी मौजूदगी का पता किसी को लग सके। लेकिन जब बहुत समय तक कोई मदद नहीं आई, तो इन्होंने एक निर्णय लिया। फैसला हुआ कि गान वहीं रुकेंगे और लुओ मदद की तलाश में आगे बढ़ेंगे। लुओ ने गान को घास, बांस और पत्तों का एक बिस्तर बनाने में मदद की और उसके पास कुछ जंगली फल और बांस के फूल छोड़ कर चला गया।गान के अस्थायी ठिकाने को 11 सितंबर को खोजा गया, लेकिन
लुओ 7 सितंबर को मदद की तलाश में आगे बढ़ा था और लगभग 12 मील चलने के बाद 8 सितंबर को वह बचावदल के पास पहुंच गया। लुओ ने एक हेलीकॉप्टर को देखा और फिर आग जलाकर बचावदल का ध्यान अपनी ओर खींचा। वह भाग्यशाली था, जिसकी वजह से बचावदल उस तक पहुंच गया। अब समस्या को तलाशने की थी। गान के अस्थायी ठिकाने को 11 सितंबर को खोजा गया। लेकिन गान वहां पर नहीं थे। वहां केवल उनके कपड़े और पैरों के निशान मिले। बचाव दल को डर था कि गान तापमान गिरने के शिकार ना हो गये हों। इस सप्ताह की शुरुआत में स्थानीय किसान नी ताइगाओ पहाड़ की तलहटी में अपने गांव लौट आए जहां हाइड्रोपावर प्लांट स्थित है और गान के बारे में सुना। वह अपनी स्थानीय जानकारी का प्रयोग कर अगली सुबह गान की खोज में लग गए।
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