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चीन में विवाह बंधन में नहीं बंधना चाह रहे युवा, 1986 के बाद से शादियों की संख्या में भारी गिरावट

‘ग्लोबल टाइम्स’ ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि देर से शादी करने के चलन के कारण चीन द्वारा तीन बच्चों की अनुमति देने की नीति प्रभावित होगी जिससे जनसंख्या संबंधी दिक्कतें दूर करने के लिए चुनौती और बढ़ेगी।

By Praveen Prasad SinghEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 10:01 PM (IST)
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चीन में 2020 में जनगणना आंकड़ों से पता चला था कि देश की जनसंख्या सबसे धीमी गति से बढ़ी है।
बीजिंग, एजेंसी : चीन में शादियों की संख्या पिछले 36 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। 2021 में विवाहित जोड़ों का पंजीकरण आठ मिलियन यानी 80 लाख से कम हो गया है, जो 1986 के बाद से सबसे कम है। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस रिपोर्ट ने चीन में घटती जन्म दर और आबादी में गिरावट को लेकर चिंता और बढ़ा दी है। नागरिक मामलों के विकास संबंधी 2021 की नवीनतम सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल चीन भर में केवल 70.64 लाख जोड़ों ने शादी के लिए पंजीकरण कराया जो 1986 के बाद सबसे कम संख्या रही।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 की तुलना में शादी करने वाले जोड़ों की संख्या 2021 में 6.1 प्रतिशत कम रही। आंकड़े दर्शाते हैं कि शादियों की संख्या में लगातार आठवें वर्ष गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल विवाहित आबादी में 25 से 29 वर्ष की आयु के लोगों की संख्या 35.3 प्रतिशत थी, जो 2020 से 0.4 प्रतिशत अधिक है, जिससे यह लगातार नौवें वर्ष शादी करने वाले सभी आयु समूहों में सबसे अधिक अनुपात वाला समूह रहा।

‘ग्लोबल टाइम्स’ ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि देर से शादी करने के चलन के कारण चीन द्वारा तीन बच्चों की अनुमति देने की नीति प्रभावित होगी, जिससे जनसंख्या संबंधी दिक्कतें दूर करने के लिए चुनौती और बढ़ेगी। चीन ने दशकों पुरानी ‘एक संतान’ नीति को समाप्त करते हुए 2016 में सभी जोड़ों को दो संतान पैदा करने की अनुमति प्रदान की थी। पिछले साल चीन ने एक संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून पारित किया था, जिसमें चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई।

चीन में 2020 में जनगणना के आंकड़ों से पता चला था कि देश की जनसंख्या सबसे धीमी गति से बढ़ी है। विशेषज्ञों ने विवाह की संख्या में गिरावट और देर से विवाह की प्रवृत्ति के लिए लंबे समय तक स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के वर्षों, जीवन और काम के बढ़ते दबाव, विवाह के प्रति युवाओं की बदलती अवधारणाओं एवं दृष्टिकोण को जिम्मेदार ठहराया है।