अमेरिका का इजरायल को सपोर्ट तो ईरान के साथ खुलकर खड़ा हुआ चीन, क्या होने वाला है बड़ा युद्ध?
Middle East War मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध की आशंका लगातार बढ़ रही है। अगर इजरायल-ईरान के बीच युद्ध होता है तो कई बड़े देश भी दो गुटों में बंट सकते हैं। युद्ध की स्थिति में अमेरिका पहले ही इजरायल के समर्थन का ऐलान कर चुका है। अब चीन ने ईरान के साथ खुलकर खड़ा होने की घोषणा कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
रॉयटर्स, बीजिंग। मध्य पूर्व में बढ़ रहे तनाव के बीच चीन ईरान के साथ खुलकर खड़ा हो गया है। चीन ने कहा है कि संप्रभुता, सुरक्षा और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा में वह ईरान के साथ खड़ा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री को फोन कर समर्थन का भरोसा दिलाया और उक्त बातें कही।
रॉयटर्स के अनुसार फोन कॉल में वांग ने 31 जुलाई को तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या की बीजिंग की निंदा को दोहराते हुए कहा कि हमले ने ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। गौरतलब है कि ईरान और फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास ने इजरायल पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया है।
इजरायल ने नहीं ली है हमले की जिम्मेदारी
हालांकि, इजरायल ने हत्या की जिम्मेदारी का दावा या इनकार नहीं किया है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच युद्ध एक व्यापक मध्य पूर्व युद्ध में बदल रहा है। ईरान ने हानिया की हत्या पर इजरायल को कठोर दंड देने की भी कसम खाई है। रॉयटर्स के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'वांग ने ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अली बघेरी कानी से कहा है कि हनिया की हत्या ने गाजा युद्ध-विराम वार्ता प्रक्रिया को सीधे तौर पर कमजोर कर दिया है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर किया है।चीन ने दिलाया समर्थन का भरोसा
वांग के हवाले से कहा गया, 'चीन कानून के अनुसार अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों में ईरान का समर्थन करता है और ईरान के साथ घनिष्ठ संचार बनाए रखने के लिए तैयार है।' इधर, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने रविवार को अब्बास अराक्ची को देश के विदेश मंत्री के रूप में नामित किया। अराक्ची 2013 से 2021 तक परमाणु वार्ता में ईरान के मुख्य वार्ताकार रहे थे।