पाकिस्तानी तालिबान के हमलों से चीनी परियोजनाओं की सुरक्षा को खतरा, बीजिंग ने जाहिर की चिंता
टीटीपी ने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पर खुशी जाहिर की थी। हाल ही में टीटीपी नेता मुफ्ती वली नूर महसूद ने जापानी मीडिया आउटलेट मेनिची शिंबुन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का स्वागत किया था।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sun, 19 Sep 2021 10:52 PM (IST)
बीजिंग, एएनआइ। अब चीन के लिए पाकिस्तान के तालिबान आतंकी संगठन ही खतरे की घंटी साबित हो रहा है। चीन ने पाकिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान द्वारा लगातार हमलों को लेकर वहां चल रहे चीनी परियोजनाओं के प्रति सुरक्षा की चिंता जताई है। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को बताया कि विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) अपने हमले जारी रख सकता है और पाकिस्तान में चीन की परियोजनाओं और कर्मियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
टीटीपी ने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पर खुशी जाहिर की थी। हाल ही में टीटीपी नेता मुफ्ती वली नूर महसूद ने जापानी मीडिया आउटलेट मेनिची शिंबुन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का स्वागत किया था।विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों ने टीटीपी सदस्यों को प्रोत्साहित किया है और वे पाकिस्तान में पश्तूनों के शासन को महसूस करना चाहते हैं।
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान को लेकर बेहद चिंतित है ड्रैगनग्लोबल टाइम्स के अनुसार सेंटर फॉर अमेरिकन स्टडीज फुडन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झांग जिआदोंग ने कहा कि टीटीपी तालिबान के अधिग्रहण से लाभान्वित होने की उम्मीद करता है क्योंकि वे दोनों पश्तून हैं और अफगान तालिबान की जीत पश्तूनों और इस्लामवाद की जीत का प्रतिनिधित्व करती है। इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चिंता बताते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि चरमपंथी समूहों के पुनरुत्थान से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित हो सकती है और यह क्षेत्र में और अधिक मुद्दों को बढ़ा सकता है। साथ ही विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अफगान सरकार के पतन के बाद टीटीपी, पाकिस्तान और तालिबान के जटिल संबंध अधिक नाजुक हो सकते हैं और दक्षिण एशिया में भू-राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
बता दें कि 2007 में स्थापित टीटीपी को अफगानिस्तान सीमा के पास उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में स्थित कुछ आतंकवादी समूहों का गठबंधन माना जाता है।गौरतलब है कि 14 जुलाई को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चीन समर्थित दसू जलविद्युत परियोजना के रास्ते में एक बस में विस्फोट के दौरान नौ चीनी नागरिक मारे गए थे। इस आतंकी हमले को लेकर भी चीन ने चिंता जाहिर की थी।