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चीन में सभी धर्मों पर कसेगा कम्युनिस्ट नीतियों का फंदा, संविधान में संशोधन करके नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी

चीन सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीति को सरकार की धार्मिक नीति पर लागू करने में जुटा हुआ है। इसके लिए उसने अपने देश के संविधान में संशोधन करके धार्मिक संगठनों पर नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 16 Dec 2021 06:17 PM (IST)
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चीन ने संविधान में संशोधन करके धार्मिक संगठनों पर नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ताइपे, एएनआइ। चीन सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीति को सरकार की धार्मिक नीति पर लागू करने में जुटा हुआ है। इसके लिए उसने अपने देश के संविधान में संशोधन करके धार्मिक संगठनों पर नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। ताइवानी मीडिया के मुताबिक चाइना क्रिस्चियन डेली की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले महीने बीजिंग में दो दिवसीय सम्मेलन में सीसीपी कैडर चीन में विभिन्न धर्मो का चीनीकरण किए जाने पर विचार-विमर्श हुआ। इसमें बौद्ध, इस्लाम और ईसाई धर्म सभी शामिल हैं।

इसके लिए धर्म की नई वैचारिक अवधारणा पेश की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस बात पर भी जोर रहेगा कि धर्म को सोशलिस्ट समाज के तौर पर अंगीकार करना होगा। चाइना एड रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सिचुआनीज शहर के देयांग स्थित चर्च से प्रशासन के ईसाइयों को गिरफ्तार करने के बाद अब विभिन्न धर्मों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने पर बल दिया जा रहा है।

चीनी प्रशासन ने चर्च से गिरफ्तार किए गए इन पास्टरों, सामुदायिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को फ्राड घोषित किया है। असल परेशानी तब खड़ी हुई जब चर्च के एक पुराने अनुयायी ने 2018 के संयुक्त बयान पर दस्तखत कर दिए जिसमें चीन में स्थित सभी गिरिजाघरों को मुक्त कराने की घोषणा की गई। इस संयुक्त वक्तव्य पर चार सौ से अधिक चीनी पास्टरों के दस्तखत हैं। सिचुआन प्रांत में इसी साल मार्च में जिंगकाओदी चर्च को अवैध संगठन घोषित किया गया था।