चीन में भी PM Modi बेहद लोकप्रिय, बुलाते हैं 'लाओशियन' यानी अजेय मोदी, प्रधानमंत्री की पोशाक के हैं दीवाने
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीनी नागरिकों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं। वे उन्हें मोदी लाओशियन निकनेम से बुलाते हैं। चीनी उनकी पोशाक और शारीरिक बनावट दोनों से प्रभावित हैं। चीनी मानते हैं कि मोदी की कई नीतियां भारत की पिछली नीतियों से अलग हैं। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 19 Mar 2023 09:47 PM (IST)
बीजिंग, पीटीआई। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीनी नागरिकों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं। वे उन्हें 'मोदी लाओशियन' निकनेम से बुलाते हैं। लाओशियन शब्द का इस्तेमाल ऐसे व्यक्ति के लिए होता है जो अजेय हो और जिसके पास विशेष क्षमता हो। ऐसे दौर में जबकि भारत और चीन के बीच रिश्ते सहज नहीं है, मोदी की चीनियों के बीच लोकप्रियता और भी मायने रखती है।
दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण
2020 में गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प की घटना के बाद से तो दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण है और गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य कमांडरों की 17 दौर की वार्ता हो चुकी है।
चीनियों के बीच पीएम मोदी काफी लोकप्रिय
अमेरिका की रणनीतिक मामलों की पत्रिका द डिप्लोमैट में प्रकाशित लेख 'चीन में भारत को कैसे देखा जाता है?' में कहा गया है कि चीनियों के बीच भारतीय पीएम की काफी लोकप्रियता है। इंटरनेट मीडिया पर वे उन्हें मोदी लाओशियन नाम से पुकारते हैं। चीनी नागरिक मानते हैं कि मोदी अन्य नेताओं की तुलना में अद्भुत हैं, हटकर हैं।पीएम मोदी के पोशाक से चीनी प्रभावित
चीनी इंटरनेट मीडिया विशेषकर सिना वीबो (चीन में ट्विटर की तरह एप्लीकेशन) का विश्लेषण करने के लिए मशहूर जर्नलिस्ट मु चुनशान ने लेख में कहा है कि चीनी उनकी पोशाक और शारीरिक बनावट दोनों से प्रभावित हैं। चीनी मानते हैं कि मोदी की कई नीतियां भारत की पिछली नीतियों से अलग हैं। अधिकांश चीनी महसूस करते हैं कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व के प्रमुख देशों के बीच संतुलन बनाने में कामयाब हो रहा है। बता दें कि सिना वीबो के 58.2 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।
भारत-अमेरिका के अच्छे रिश्ते देख जलते हैं चीनी
चुनशान के अनुसार उनका एक इंटरनेट मीडिया अकाउंट है जिस पर चीनी यूजर्स विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं और इससे उन्हें उन्हें विदेशी मामलों में चीनी जनता की राय समझने में मदद मिलती है। लेख में कहा गया है कि चीनी नागरिकों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि भारत और पश्चिम के बेहतर संबंध उन्हें रास नहीं आ रहे हैं। वे नहीं चाहते कि भारत और अमेरिका करीब आए। इन दोनों के आपसी संबंध अच्छे देख वे जलते हैं। वे ये भी मानते हैं कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन और भारत के लिए दोहरे मापदंड अपना रहा है।कई देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध
भारत के सभी प्रमुख देशों रूस हो, अमेरिका या फिर अन्य देश, सभी से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। चीनी नागरिकों में भारत के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा है। विशेषकर वे भारत की जाति व्यवस्था और हेल्थ केयर सिस्टम के बारे में जानने को बहुत उत्सुक हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच खाई गहरी हो रही है। पाकिस्तान राजनीतिक के साथ-साथ आर्थिक संकट झेल रहा है। चीन में व्यापक धारणा बन रही है कि भारत पश्चिम का पसंदीदा है जबकि चीन पश्चिम का लक्ष्य बन गया है।