हांगकांग में फिर जल सकते हैं चीन के हाथ, चीन समर्थन वाले एक विधेयक का होने लगा विरोध
हांगकांग में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस बार भी इसकी वजह चीन और उसके समर्थन वाला एक विधेयक बना है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 29 May 2020 09:10 AM (IST)
हांगकांग। चीन भले ही कोरोना वायरस से अब मुक्त होने की तरफ है, लेकिन उसके सामने एक बार फिर हांगकांग की पहले जैसी समस्या खड़ी होती दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि हांगकांग की संसद में एक ऐसे विधेयक पर चर्चा होनी है जिसका सीधा संबंध चीन से है। दरअसल, हांगकांग की संसद में लाए गए इस विधेयक में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति चीन के राष्ट्रगान का अपमान करता पाया गया इसको अपराध माना जाएगा। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक इस विधेयक को लेकर हांगकांग में प्रदर्शन की शुरुआत हो चुकी है। माना जा रहा है एक बार फिर हांगकांग चीन की परेशानी का सबब बन सकता है।
इस शुरुआत के तहत हांगकांग की संसद के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे। हजारों की संख्या में तैनात इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा थे। इन प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र के समर्थन और पुलिस के विरोध में नारेबाजी भी की। हालांकि हांगकांग प्रशासन ने इस विधेयक पर होने वाले विरोध को भांपते हुए पहले से ही संसद के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था। इन्होंने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए चेतावनी भी दी थी इसके अलावा केंद्रीय व्यावसायिक क्षेत्र कॉजवे बे में भी काफी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे जिनहें पुलिस ने हटाने के लिए बल प्रयोग किया था। कॉजवे बे खरीददारी के लिए काफी मशहूर है।
काफी संख्या में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन लोगों को भी नहीं छोड़ा जो लोग यहां पर वीडियो बना रहे थे। गैर-कानूनी उद्देश्यों वाले सामान जैसे पेट्रोल बम, हेल्मेट, गैस मास्क और कैंचियां रखने के आरोप में कम से कम 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से ज्यादातर किशोर हैं। खतरनाक ड्राइविंग के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। गौरतलब है कि इस विधेयक से 'मार्च ऑफ द वॉलंटियर' का अपमान करना गैर-कानूनी हो जाएगा। प्रदर्शनकारियों को देखते हुए और संसद की सुरक्षा के लिए संसद के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मंगलवार रात को संसद की कार्यवाही स्थगित कराने के लिए प्रदर्शन का आह्वान किया गया।
आपको बता दें कि पिछले वर्ष दिसंबर में चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला आने से पहले हांगकांग में धरना-प्रदर्शन हो रहा था। ये प्रदर्शनप भी एक विधेयक को लेकर ही हो रहा था जो बीते वर्ष करीब सात माह तक चला था। इस विधेयक के जरिए हांगकांग में किए गए अपराध के लिए आरोपी का चीन में प्रत्यर्पण किया जा सकता था। हालांकि व्यापक विरोध के बाद प्रशासन ने इस विधेयक को वापस ले लिया था लेकिन इसके बाद हांगकांग में चीन से बगावत को लेकर जो विरोध और प्रदर्शन शुरू हुआ वो दिसंबर तक चलता रहा था। कोरोना की वजह से ये प्रदर्शन कुछ समय के लिए बंद हो गए थे लेकिन अब नए विधेयक ने एक बार फिर से उस दबी चिंगारी को हवा देने का काम किया है।
आपको बता दें कि चीन में कोरोना के मामले अब काफी कम सामने आ रहे हैं। वहीं दुनिया के कई देशों ने इस जानलेवा वायरस को विकसित करने के पीछे चीन को जिम्मेदार ठहराया है। करीब 62 देशों ने इसको लेकर एक मसौदे पर हस्ताक्षर भी किए हैं जिसमें इसकी शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई इसकी जांच की जाएगी। इस मसौदे पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसकी वजह से चीन भड़का हुआ है। जानकार मानते हैं कि इसकी वजह से चीन दूसरे देशों पर दबाव की चाल चल रहा है और ध्यान बांटने के लिए सीमाओं पर विवाद को जन्म देने में लगा है।
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