SCO summit: चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग कोरोना के दो साल बाद फिर से चले विदेश यात्रा पर, उज्बेकिस्तान में लेंगे SCO सम्मेलन में भाग
SCO summit चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह कजाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे और इसके साथ वह एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान की भी यात्रा करेंगे। यह साल 2020 में कोरोना के प्रकोप के बाद से उनकी पहली विदेश यात्रा है।
By Arijita SenEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 03:05 PM (IST)
बीजिंग, एजेंसी। चीन (China) ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) इस सप्ताह कजाकिस्तान (Kazakhstan ) की यात्रा करेंगे और इसी के साथ उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) के बाद यह दो साल में पहली बार उनकी विदेश यात्रा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने की उनके दौरे की पुष्टि
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग (Hua Chunying) ने यहां एक संक्षिप्त बयान में यह घोषणा की कि राष्ट्रपति उज्बेकिस्तान में बसे शहर समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लेंगे और 14 से 16 सितंबर तक कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की राजकीय यात्रा करेंगे। वह सबसे पहले 14 सितंबर को कजाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे, जो 17-18 जनवरी के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा होगी।जिनपिंग की आखिरी विदेश यात्रा म्यांमार की थी
म्यांमार (Myanmar) वह आखिरी देश था, जिसका 17-18 जनवरी, 2020 को शी ने दौरा किया था। म्यांमार से राष्ट्रपति के लौटने के बाद ही चीन के वुहान (Wuhan) शहर से कोरोना वायरस महामारी के सामने आने का पता चला था, जो बाद में धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गई और इसकी चपेट में आकर लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई।
इसके बाद से शी जिनपिंग कहीं बाहर नहीं गए और न ही किसी वैश्विक समारोह का हिस्सा बने। कजाकिस्तान से शी पड़ोस में स्थित देश उज्बेकिस्तान में जाएंगे जहां 15-16 सितंबर के बीच SCO सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
SCO सम्मेलन में ईरान होगा इस बार शामिल
मालूम हो कि शंघाई सहयोग संगठन का मुख्यालय बीजिंग (Beijing) में है। यह चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है, जिसमें चीन के साथ रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।
इस बार के समरकंद सम्मेलन में ईरान को औपचारिक रूप से इसमें शामिल किया जाएगा। इसके बाद इसके अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत को दी जाएगी।