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म्यांमार में लोकतंत्र की लड़ाई जारी, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फिर बरसाई गोलियां, 12 की मौत, कई घायल

म्यांमार में लोकतंत्र के लिए लोगों की लड़ाई जारी है। पुलिस ने सैन्य तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर उतर रहे प्रदर्शनकारियों पर शनिवार को फिर गोलियां बरसाईं। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 12:22 AM (IST)
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म्यांमार में लोकतंत्र के लिए लोगों की लड़ाई जारी है।
यंगून, एजेंसियां। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर उतर रहे प्रदर्शनकारियों पर शनिवार को फिर गोलियां बरसाई गई। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में गत एक फरवरी को सेना तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज हो गई थी। तब से लोकतंत्र की मांग को लेकर देश में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में 75 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

यांगून में भी गोलीबारी 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। एक अन्य व्यक्ति की मौत मध्यवर्ती शहर प्याय में हो गई, जबकि दो लोग वाणिज्यिक शहर यांगून में पुलिस गोलीबारी में मारे गए। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि तीन लोग शुक्रवार की रात मारे गए थे।

एंबुलेंस को रोका  

प्याय में 23 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'सुरक्षा बलों ने शुरू में घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए घटनास्थल पर एंबुलेंस को पहुंचने नहीं दिया। कुछ बाद में इसकी अनुमति दी।'

भारत सरकार ने चौकसी बढ़ाने के दिए निर्देश 

उधर भारत सरकार ने पूर्वोत्तर के चार राज्यों मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के साथ-साथ असम राइफल्स को सैन्य तख्तापलट के शिकार म्यांमार से शरणार्थियों के आगमन पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि उपसचिव (गृह) कृष्ण मोहन उप्पू ने चारों राज्यों के मुख्य सचिवों और असम राइफल्स के महानिदेशक को पत्र लिखकर सभी सुरक्षा उपायों को करने के निर्देश दिए हैं।  

सू की सहित कई शीर्ष नेता हिरासत में 

बता दें कि सेना गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज हो गई। तभी से अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की सहित कई शीर्ष नेता हिरासत में हैं। सेना ने आंग सान पर रिश्वत लेने और अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने के आरोप लगाए हैं।