चीन की एक और छलांग, अंतरिक्ष में बिजली बनाकर देश के हर घर को करेगा रोशन
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह परियोजना सफल हुई तो बहुत हद तक वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 05 Mar 2019 09:37 AM (IST)
चीन। चीन अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी में है। इससे एक पूरे शहर को रोशन करने को पर्याप्त बिजली धरती पर लाई जा सकेगी। अगर वैज्ञानिक इसकी चुनौतियों से पार पा सके तो अभी ऊर्जा के लिए धरती पर मौजूद स्नोतों पर निर्भर लोगों को एक और विकल्प मिलेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह परियोजना सफल हुई तो बहुत हद तक वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी।
ऐसे काम करेगा संयंत्र
पूरे संयंत्र के अलग-अलग हिस्सों जैसे सोलर पैनल्स और ट्रांसमिशन के लिए बिजली परिवर्तित करने वाले उपकरण को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके बाद उन्हें वहीं पर जोड़ा जाएगा। सौर संयंत्र को धरती पर मौजूद एक रिसीविंग स्टेशन के ऊपर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। यह सौर ऊर्जा संयंत्र बिजली को लेजर या माइक्रोवेव्स के रूप में धरती पर भेजेगा। यहां इसे बिजली में परिवर्तित कर ग्रिड के जरिये लोगों के घरों में आपूर्ति की जाएगी।2050 है लक्ष्य
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन को उम्मीद है कि वह 2050 तक पूरी तरह सौर ऊर्जा संयंत्र को अंतरिक्ष में स्थापित कर लेगा।
पूरे संयंत्र के अलग-अलग हिस्सों जैसे सोलर पैनल्स और ट्रांसमिशन के लिए बिजली परिवर्तित करने वाले उपकरण को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके बाद उन्हें वहीं पर जोड़ा जाएगा। सौर संयंत्र को धरती पर मौजूद एक रिसीविंग स्टेशन के ऊपर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। यह सौर ऊर्जा संयंत्र बिजली को लेजर या माइक्रोवेव्स के रूप में धरती पर भेजेगा। यहां इसे बिजली में परिवर्तित कर ग्रिड के जरिये लोगों के घरों में आपूर्ति की जाएगी।2050 है लक्ष्य
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन को उम्मीद है कि वह 2050 तक पूरी तरह सौर ऊर्जा संयंत्र को अंतरिक्ष में स्थापित कर लेगा।
कई सालों से चल रहे प्रयास
अमेरिकी नेशनल स्पेस सोसाइटी के अनुसार अंतरिक्ष सौर ऊर्जा मानव के लिए उपलब्ध सबसे बड़ी ऊर्जा स्नोत है। और हमारे ग्रह पर हर व्यक्ति की लगभग सभी बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकती है। अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा को धरती पर लाने के प्रयास 1960 से चल रहे हैं, मगर तकनीकी दिक्कतों की वजह से अबतक यह संभव नहीं हो सका।
अमेरिकी नेशनल स्पेस सोसाइटी के अनुसार अंतरिक्ष सौर ऊर्जा मानव के लिए उपलब्ध सबसे बड़ी ऊर्जा स्नोत है। और हमारे ग्रह पर हर व्यक्ति की लगभग सभी बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकती है। अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा को धरती पर लाने के प्रयास 1960 से चल रहे हैं, मगर तकनीकी दिक्कतों की वजह से अबतक यह संभव नहीं हो सका।
क्या है खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी बड़ा देश किसी अन्य राष्ट्र को भू-स्थिर कक्षा में 5 गीगा वाट लेजर लगाने की अनुमति न दे। अंतरिक्ष में अधिक ऊर्जा से लैस लेजर रखना खतरनाक है। यह घंटे भर में शहर को जला सकती है।लाभ
दुनिया भर की सरकारें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जूझ रही हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना कार्बन मुक्त ऊर्जा स्नोत प्रदान करेगी। यह मानव जाति के भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण तकनीक साबित होगी। यहां होगा रिसीविंग स्टेशन
चीनी शहर चोंगकिंग से लगभग 500 मील उत्तर-पूर्व में जियान में रिसीविंग स्टेशन बनाया जाएगा। यह शहर एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष केंद्र है जहां सौर ऊर्जा फार्मों को विकसित करने की सुविधा स्थापित की गई है।नवीकरणीय ऊर्जा पर भारी निवेश
चीन ने 2020 तक नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों जैसे सोलर, वायु, हाइड्रो और न्यूक्लियर में 367 अरब डॉलर निवेश करने का फैसला लिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी बड़ा देश किसी अन्य राष्ट्र को भू-स्थिर कक्षा में 5 गीगा वाट लेजर लगाने की अनुमति न दे। अंतरिक्ष में अधिक ऊर्जा से लैस लेजर रखना खतरनाक है। यह घंटे भर में शहर को जला सकती है।लाभ
दुनिया भर की सरकारें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जूझ रही हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना कार्बन मुक्त ऊर्जा स्नोत प्रदान करेगी। यह मानव जाति के भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण तकनीक साबित होगी। यहां होगा रिसीविंग स्टेशन
चीनी शहर चोंगकिंग से लगभग 500 मील उत्तर-पूर्व में जियान में रिसीविंग स्टेशन बनाया जाएगा। यह शहर एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष केंद्र है जहां सौर ऊर्जा फार्मों को विकसित करने की सुविधा स्थापित की गई है।नवीकरणीय ऊर्जा पर भारी निवेश
चीन ने 2020 तक नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों जैसे सोलर, वायु, हाइड्रो और न्यूक्लियर में 367 अरब डॉलर निवेश करने का फैसला लिया है।