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Inside Story: चीन के ताइवान पर लगाए इंपोर्ट बैन से छोटे कारोबारियों को सताने लगी है बड़े नुकसान की चिंता

चीन ताइवान को अपने साथ मिलाने के लिए हर तरह की कवायद कर रहा है। इसी के तहत चीन ने ताइवान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। इसका कुछ असर ताइवान के छोटे कारोबारियों पर भी पड़ रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 10:14 AM (IST)
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चीन के ताइवान पर लगाए आर्थिक प्रतिबंधों का दिखाई दे रहा असर
ताइपे (एजेंसी)। चीन और ताइवान के बीच उभरे ताजा तनाव का सबसे अधिक असर ताइवान के छोटे और बड़े कारोबारियों पर साफ दिखाई दे रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधी सभा की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन की नाराजगी का असर यहां की अर्थव्‍यवस्‍था पर दिखाई दे रहा है। नैंसी के आने के बाद चीन ने पहले तो ताइवान के चारों तरफ करीब एक सप्‍ताह तक लाइव फायर ड्रिल की थी। इस दौरान दर्जनों मिसाइल ताइवान की समुद्री जल सीमा में दागी गईं। इसके बाद चीन ने कई तरह के ताइवान के खिलाफ कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी दिए हैं।

चीन के फाइटर जेट उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

ताइवान के लोगों के मुताबिक चीन के फाइटर जेट हर रोज उनकी हवाई सीमा में घुसकर अंतरराष्‍ट्रीय नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं। पूर्वी ताइवान के हुलियन काउंटी में रहने वाले किसान मुलीन ऊ का यहां चकोतरे (Pumelo) का बाग है। इसकी खपत चीन में काफी अधिक होती है। लेकिन, नैंसी की ताइवान यात्रा के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। मुलीन का कहना है कि चीन से मिले सभी आर्डर रद कर दिए गए हैं। चीन ने ताइवान पर इंपोर्ट बैन लगा दिया है। अब चकोतरों का चीन जाना असंभव है।

चीन के बैन से नुकसान की आशंका

मुलीन के मुताबिक Hualien Ruisui टाउनशिप से ही दशकों से करीब 1.80 लाख किग्रा चकोतरा चीन भेजा जाता है। चीन के प्रतिबंध के बावजूद वहां मौजूद कई ऐसे क्‍लाइंट भी हैं जो इनके वहां पर पहुंचने का बड़ी बेसर्बी से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता है। ये एक राजनीतिक मसला है। ऐसे में मुलीन को भी अब नुकसान की आशंका से चिंता होने लगी है।

चीन ने लगाया इन चीजों पर बैन

गौरतलब है कि चीन ने नैंसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने यहां से आने वाले खट्टे फलों और छोटी समुद्री मछलियों के आयात पर प्रतिबंध गा दिया है। चीन में इन दोनों ही चीजों की खपत काफी अधिक होती है। यहां के किसान और मछुआरे चीन को ध्‍यान में रखते हुए ही इनका उत्‍पादन और व्‍यापार करते हैं। चीन द्वारा ताइवान पर लगाए प्रतिबंधों को ताइवान ने राजनीति से प्रेरित बताया है। चीन ने आरोप लगाया है कि ताइवान से आने वाली मछलियां प्रतिबंधित कैमिकल से दूषित होती हैं, जो यहां के लोगों के लिए सही नहीं हैं।

अनानास पर भी पिछले वर्ष चीन ने लगाया था बैन

करीब एक वर्ष पहले चीन ने ताइवान से आने वाले अनानास के शिपमेंट में खतरनाक कैमिकल मिलने का आरोप लगाते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। ताइवान के Pingtung County में लीजिया ग्रीन एनर्जी और बायोटेक कंपनी के किसान हेंस चेन का कहना है कि यदि वर्ष के अंत तक ताइवान पर लगे चीन के प्रतिबंध न हटे तो इसका काफी असर देखने को मिल सकता है। यहां पर होने वाली करीब 90 फीसद पैदावार चीन को निर्यात की जाती है। चेन का कहना है कि चीन ने ये प्रतिबंध बिना किसी चेतावनी के लगाए हैं। इसकी वजह उन्‍हें इतने बुरे दिन देखने पड़ रहे हैं। पहले से ही कोरोना की वजह से हालात सही नहीं हैं।

ताइवान के मछुआरे परेशान

यहां के मछुआरों का भी कहना है कि उनका सारा उत्‍पादन चीन के लिए किया जाता है। चीन से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से हालात और अधिक खराब हो जाएंगे। चेन का कहना है कि हर कोई जानता है कि कोरोना महामारी से अब धीरे-धीरे बाहर आया जा रहा है। चीन का बाजार भी स्थिर हो रहा है और कीमतें बढ़ रही है। इसकी वजह से पिछली बार जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई होने की उम्‍मीद की जा सकती है। इसकी वजह है कि प्रतिबंधों से हर कोई परेशान है। इसका असर भी बड़ा होगा।

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