चीन, पाकिस्तान ने अफगान तालिबान प्रशासन पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए डाला दबाव
चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में रूस पाक और ईरान के अपने समकक्षों द्वारा भाग लिए गए अफगान पड़ोसी राज्यों के सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद कहा- आतंकवाद अफगानिस्तान में बद से बदतर होता चला गया।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 14 Apr 2023 07:40 PM (IST)
बीजिंग, पीटीआई। चीन का कहना है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में आतंकवाद 'बद से बदतर' हो गया है। चीन ने देश के तालिबान शासकों से कहा है कि वे पड़ोसी देशों विशेष रूप से करीबी सहयोगी पाकिस्तान के लिए समस्या पैदा करने वाले आतंकवादी समूहों पर लगाम लगाने के अपने वादे को पूरा करें। पाकिस्तान आतंकवादी समूह टीपीपी द्वारा लगातार आतंकवादी हमलों से जूझ रहा है, जिस पर इस्लामाबाद का आरोप है कि वह अफगान धरती से जुड़े हैं।
'आतंकवाद अफगानिस्तान में बद से बदतर होता चला गया'
चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने गुरुवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में रूस, पाकिस्तान और ईरान के अपने समकक्षों द्वारा भाग लिए गए अफगान पड़ोसी राज्यों के सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान में बद से बदतर होता चला गया। अफगान आतंकवादी समूहों की संख्या अब 20 से अधिक हो गई है।
चीन द्वारा बुलाई गई विदेश मंत्रियों की यह चौथी बैठक
चीन द्वारा बुलाई गई विदेश मंत्रियों की यह चौथी बैठक है, जिसके उइगुर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत की सीमाएं अफगानिस्तान से लगती हैं। बीजिंग तालिबान के अंतरिम प्रशासन का समर्थन करके अफगानिस्तान में अपनी भूमिका बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है, शिनजियांग में एक अलगाववादी उग्रवादी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) पर नकेल कसने के लिए उकसा रहा है, जिसके कथित रूप से अल-कायदा और इस्लामिक राज्य जैसे कट्टरपंथी संगठनों से संबंध हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दशकों तक तालिबान की मदद करने वाले पाकिस्तान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि इसने कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देकर देश में कहर बरपाया है।क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं ये संगठन
बैठक के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी भाग लिया, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों ने पड़ोसी देशों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी की हैं। मंत्रियों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद से संबंधित सुरक्षा स्थिति के बारे में अपनी गहरी चिंताओं पर जोर दिया और बताया कि सभी आतंकवादी समूह, या इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISIS-KP), अल-कायदा, पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM), अफगानिस्तान में स्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), जैश अल-अदल आदि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं।