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US China Tension: ताइवान से अमेरिकी विमान ने भरी उड़ान तो बौखलाया चीन, कहा- अमेरिका ने क्षेत्र में शांति को खतरे में डाला

अमेरिका और चीन के बीच तनाव जारी है। अमेरिकी विमान के ताइवान जलडमऊमध्य से उड़ान भरने से चीन बौखला गया है। चीनी सेना ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के इस कदम से शांति और स्थिरता खतरे में पड़ गई है।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Sat, 25 Jun 2022 09:12 AM (IST)
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ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनातनी (फाइल फोटो)

शंघाई, रायटर्स। चीन की सेना ने शनिवार को कहा कि हाल ही में ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से एक अमेरिकी समुद्री विमान के उड़ान भरने से क्षेत्रीय स्थिति में बाधा उत्पन्न हुई है। इससे शांति और स्थिरता खतरे में पड़ गई है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल शी यी ने एक बयान में कहा कि सेना ने अमेरिकी विमानों के संचालन की निगरानी के लिए हवाई और जमीनी बलों का आयोजन किया था, जो शुक्रवार को हुआ था।

कर्नल शी यी ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाइयों का कड़ा विरोध किया है। उनके सैनिक अलर्ट मोड पर हैं।

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव

बता दें, ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव जारी है। जापान में हुई क्वाड सदस्यों की बैठक में भी अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी थी कि अगर वह ताइवान पर किसी प्रकार की सैन्य कार्रवाई करता है तो उसका जवाब देने में अमेरिका पीछे नहीं रहेगा। ताइवान को लेकर अपनी नीति पर अमेरिका किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा।

अमेरिका पर चीन ने किया पलटवार

हाल ही में अमेरिका के रक्षा सचिव लायड आस्टिन ने चीन पर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बीजिंग की आक्रामक और खतरनाक कार्रवाई एशिया में स्थिरता के लिए खतरा है। वहीं, चीन के विदेश मंत्री वेई फेंघे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी को भी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए चीनी सशस्त्र बलों के संकल्प और क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। बीजिंग अंत तक लड़ेगा।

'हम हर कीमत पर लड़ेंगे'

  • वेई फेंघे ने कहा कि जो लोग चीन को विभाजित करने के प्रयास में ताइवान की स्वतंत्रता का हवाला दे रहे हैं, उनका निश्चित रूप से कोई अच्छा अंत नहीं होगा।
  • हम हर कीमत पर अंत तक लड़ेंगे।

चीनी सैन्य गतिविधियों से यथास्थिति के बदलने का खतरा

हाल ही में, सिंगापुर में हुए शांगरी ला डायलाग में लायड आस्टिन ने ताइवान के लिए अमेरिकी समर्थन पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था स्वशासित द्वीप के आसपास चीनी सैन्य गतिविधियों से यथास्थिति को बदलने का खतरा है।