चीन में फिर दोहराया जाएगा माओत्से तुंग का युग, लगातार तीसरी बार चीनी राष्ट्रपति बनेंगे शी चिनफिंग
शी चिनफिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। पिछले दिनों बढ़ते अमेरिकी दबाव के चलते कम्युनिस्ट पार्टी ने यह निर्णय लिया है। पार्टी इसके लिए 10 साल के कार्यकाल के नियम को तोड़ेगी। चीन में एक बार फिर माओत्से तुंग के युग को दोहराया जाएगा।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 13 Oct 2022 03:38 AM (IST)
बीजिंग, प्रेट्र: पश्चिमी के खिलाफ एक आक्रामक नेता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले शी चिनफिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। पिछले दिनों बढ़ते अमेरिकी दबाव के चलते कम्युनिस्ट पार्टी ने यह निर्णय लिया है। पार्टी इसके लिए 10 साल के कार्यकाल के नियम को तोड़ेगी। 16 अक्टूबर ये होने वाली पार्टी की चार दिवसीय बैठक में नए सिरे से इस संबंध में प्रस्ताव पास किया जाएगा। चिनफिंग को राष्ट्रपति बनाने पर मुहर लगाई जाएगी।
दोहराया जाएगा माओत्से तुंग का युग
यानी साफ है चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एक बार फिर अपने संस्थापक माओत्से तुंग के युग को दोहराने जा रही है, जो अपनी मृत्यु तक पार्टी के शीर्ष पद पर विराजमान रहे। पार्टी ने चिनफिंग के कामकाज की प्रशंसा करते हुए उसे अतुलनीय बताया। बुधवार को पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्थाओं में से एक सीपीसी की केंद्रीय समिति ने कहा कि चिनफिंग ने पिछले पांच वर्षों में कई बड़ी समस्याओं को सुलझाया है और उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य भी पूरे किए हैं।
कांग्रेस के दौरान कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा संभव
रविवार को शी चिनफिंग द्वारा निर्धारित 2,296 प्रतिनिधि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस में शामिल होंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी दौरान शी जिनपिंग अपना कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा करेंगे। पार्टी कांग्रेस के नतीजे से शी चिनफिंग के पूर्ववर्तियों द्वारा पालन की जाने वाली सख्त पांच-वर्षीय अवधि की सीमाओं को समाप्त होने की उम्मीद है। पार्टी के सदियों पुराने इतिहास में माओत्से तुंग ही अपनी मृत्यु तक पार्टी के शीर्ष पद पर विराजमान रहे हैं।माओ की नीतियों ने देश को दिवालियेपन की ओर धकेल
माओत्से तुंग के नेतृत्व को समाज से पूंजीपतियों और पारंपरिक तत्वों के अवशेषों को हटाने और माओत्से तुंग थॉट नामक साम्यवाद के अपने ब्रांड को लागू करने के क्रूर अभियानों के लिए जाना जाता है। इस प्रथा ने विनाशकारी रूप से छी को दिवालियेपन की ओर धकेल दिया।