चीन में जिनपिंग सरकार की कठोर पॉलिसी से अमीर समुदाय चिंतित, देश छोड़ने पर मजबूर हुए लोग
पिछले दो सालों में चीन में प्रौद्योगिकी रियल एस्टेट और शिक्षा जैसे उद्योगों पर जिनपिंग सरकार की कठोर पॉलिसी ने भारी चोट पहुंचाया है। देश में धनी आबादी की कमर टूट गई है। सरकार ने उन्हें भयभीत कर दिया है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sat, 28 Jan 2023 09:25 AM (IST)
बीजिंग, एजेंसी। कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। देश में शी जिनपिंग सरकार व्यापारिक समुदाय के लिए चिंता का कारण बन गई है। बेहतर जीवन जीने के लिए लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
पिछले दो सालों में चीन में प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट और शिक्षा जैसे उद्योगों पर जिनपिंग सरकार की कठोर पॉलिसी ने भारी चोट पहुंचाया है। देश में धनी आबादी की कमर टूट गई है। सरकार ने उन्हें भयभीत कर दिया है। पिछले साल अक्टूबर में जिनपिंग ने अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया था, खासकर तब से उनकी पॉलिसी ज्यादा सख्त हुई है।
विदेशों में लोगों ने किया पलायन
जब से शी जिनपिंग ने देश में तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाया है, तब से चीन के व्यापारिक समुदाय के कई लोग विदेशों में पलायन कर गए हैं। न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 10,800 अमीर लोगों ने 2022 में अपना देश छोड़ा है।2019 के बाद यह आंकड़ा सबसे अधिक है। वहीं, इस मामले में चीन, रूस के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके अलावा, एक सप्ताह पहले की तुलना में चीन के फिर से खुलने के बाद अप्रवासन में वृद्धि हुई है। कोविड महामारी के शुरुआती दिनों में पलायन करने वालों की संख्या कम थी। लेकिन, 2022 में यह अधिक हो गई।