चीनी हैकरों ने बनाया दक्षिण एशिया की सरकारों को निशाना, इंडोनेशिया और फिलीपींस के नौसेनाओं की जानकारियां भी हैक
चीनी सरकार की ओर से प्रायोजित हैकरों ने बड़े पैमाने पर दक्षिण एशिया में सरकारों और निजी संस्थानों को निशाना बनाया है। चीनी हैकरों ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय और थाई सेना को निशाना बनाने के साथ ही इंडोनेशिया और फिलीपींस की नौसेनाओं की जानकारियां भी हैक की हैं।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 09 Dec 2021 04:29 PM (IST)
बैंकाक, एपी। अमेरिका की निजी साइबर सुरक्षा कंपनी के अनुसार चीनी सरकार की ओर से प्रायोजित हैकरों ने बड़े पैमाने पर दक्षिण एशिया में सरकारों और निजी संस्थानों को निशाना बनाया है। मैसाचुएट्स स्थित अमेरिकी कंपनी इनसिक्ट के मुताबिक, चीनी हैकरों ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय और थाई सेना को निशाना बनाने के साथ ही इंडोनेशिया और फिलीपींस की नौसेनाओं की जानकारियां भी हैक की हैं। इसके अलावा, वियतनाम की नेशनल एसेंबली और उसकी कम्यूनिस्ट पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के दस्तावेजों को भी हैक किया गया है।
इनसिक्ट के अनुसार, चीन सरकार की ओर से समर्थित इन चीनी हैकरों ने पिछले नौ महीनों में दक्षिण एशिया के हाईप्रोफाइल सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारों को अपने कस्टम मालवेयर के जरिये भारी क्षति पहुंचाई है। फनी ड्रीम और चिनोक्सी जैसे मालवेयर आम लोगों को उपलब्ध नहीं हैं। इनका उपयोग चीन सरकार के प्रायोजित कई समूह ही करते हैं। इन देशों को लक्ष्य करने का मकसद चीन सरकार के आर्थिक और राजनीतिक लक्ष्यों को निशाना बनाना था।
हैकर्स के निशाने पर थाईलैंड का प्रधानमंत्री कार्यालय, मलेशिया का रक्षा मंत्रालय और वियतनाम की नेशनल असेंबली और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी का केंद्रीय कार्यालय रहा। हैकर्स ने दक्षिणपूर्व एशिया में हाई प्रोफाइल सैन्य और सरकारी संगठनों को निशाना बनाने के लिए जिन साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर निशाना बनाया वे सार्वजनिक रूप से उपलबध नहीं हैं। माना जाता है कि चीन सरकार के प्रायोजित कई समूह और संगठन इन साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि अमेरिकी संस्था के इन आरोपों पर अभी तक चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले भी चीनी अधिकारी हैकिंग को सरकार के समर्थन देने के आरोपों का खंडन करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि चीन तो खुद ही साइबर हमलों का निशाना बनता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ ही म्यांमा, फिलीपीन, लाओस, थाईलैंड, सिंगापुर और कम्बोडिया भी चीनी हैकरों के निशाने पर हैं।