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The Natuna Dispute: चीन की हर चाल पर नजर रखने के लिए इंडोनेशिया ने तैनात किया युद्धपोत

चीन और इंडोनेशिया के बीच विवाद गहराता जा रहा है। नतूना द्वीप को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। चीन लगातार इस क्षेत्र में गतिविधि बनाए हुए है। वहीं चीन की हर एक गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए इंडोनेशिया ने युद्धपोत तैनात किया है

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 14 Jan 2023 12:12 PM (IST)
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चीन की हर एक गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए इंडोनेशिया ने युद्धपोत तैनात किया है

जकार्ता, राइटर्स। चीन और इंडोनेशिया के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। अब इंडोनेशिया ने चीन के हर एक कदम पर नजर बनाए रखने के लिए उत्तरी नाटुना सागर में एक युद्धपोत तैनात किया है।

शनिवार को इंडोनेशिया के नौसेना प्रमुख ने कहा कि इंडोनेशिया ने एक चीनी तट रक्षक पोत की निगरानी के लिए अपने उत्तरी नाटुना सागर में युद्धपोत तैनात किया है, जो संसाधन संपन्न समुद्री क्षेत्र में सक्रिय रहा है।

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चीन की गतिविधि पर है नजर

इंडोनेशियाई महासागर न्याय पहल ने रॉयटर्स को बताया कि शिप ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि पोत, सीसीजी 5901, विशेष रूप से टूना ब्लॉक गैस क्षेत्र और वियतनामी चीम साओ तेल और गैस क्षेत्र के पास नातुना सागर में 30 दिसंबर से नौकायन कर रहा है। यह लगातार चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

इंडोनेशियाई नौसेना के एडमिरल मुहम्मद अली ने रॉयटर्स को बताया कि जहाज की निगरानी के लिए एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन तैनात किया गया था। उन्होंने आगे कहा - "चीनी पोत ने कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं की है। हालांकि, हमें इसकी निगरानी करने की आवश्यकता है क्योंकि यह कुछ समय के लिए इंडोनेशिया के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में रहा है।"

जहां इंडोनेशिया की ओर से युद्धपोत तैनात किया गया है तो वहीं इस मुद्दे पर जकार्ता में चीनी दूतावास के प्रवक्ता इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं थे।

निगरानी का है अधिकार

संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) ईईजेड के माध्यम से जहाजों को नेविगेशन का अधिकार देता है। ईईजेड के तहत समुद्र के कानून के रुप में इसे माना गया है। यह निर्णय इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच एक ईईजेड समझौते के बाद लिया गया था।

इसके साथ ही साथ नटुना सागर में टूना गैस क्षेत्र को विकसित करने के और उत्पादन शुरू होने तक $3 बिलियन से अधिक के कुल अनुमानित निवेश की इंडोनेशिया से अनुमति मिलने के बाद इस फैसले को लिया गया था।

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पहले भी तैनात हुए युद्धपोत

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब इंडोनेशिया और चीन एक दूसरे की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। इससे पहले साल 2021 में इंडोनेशिया और चीन के जहाजों ने एक सबमर्सिबल तेल रिग के पास महीनों तक एक-दूसरे पर निगरानी रखी थी। ये सबमर्सिबल तेल रिग टूना ब्लॉक में थी और उस वक्त अच्छा प्रदर्शन कर रही थी।

क्या है नतूना द्वीप विवाद

दक्षिण चीन सागर के नतूना द्वीपसमूह को लेकर चीन और इंडोनेशिया में लंबे समय से विवाद रहा है। जहां एक ओर दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े देश का कहना है कि यूएनसीएलओएस के तहत, दक्षिण चीन सागर का दक्षिणी छोर इसका विशेष आर्थिक क्षेत्र है, और 2017 में इस क्षेत्र का नाम उत्तरी नातुना सागर रखा गया।

वहीं, चीन ने इसे खारिज किया है। यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि समुद्री क्षेत्र दक्षिण चीन सागर में यू-आकार की "नाइन-डैश लाइन" द्वारा चिह्नित अपने विशाल क्षेत्रीय अधिकार के भीतर है। हालांकि हेग में मध्यस्थता के लिए बनाए गए स्थायी न्यायालय ने पाया कि 2016 में इसका कोई कानूनी आधार नहीं था।

चीन समूचे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना एकाधिकार जताता रहा है। दक्षिण चीन सागर क्षेत्र को लेकर चीन का इंडोनेशिया के अलावा वियतनाम, फिलीपींस और मलेशिया के साथ भी विवाद चल रहा है। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में नतूना द्वीप का ये क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है।