तेज भूकंप के झटकों से थराई इंडोनेशिया की राजधानी, रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई तीव्रता, सुनामी की आशंकाओं को नकारा
इंडोनेशिया की राजधानी में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूएस जियोलाजिकल सर्वे के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई है। जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र हिंद महासागर में बैंटन प्रांत के एक तटीय शहर लाबुआन से लगभग 88 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित था
By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 14 Jan 2022 04:54 PM (IST)
जकार्ता, एजेंसी: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूएस जियोलाजिकल सर्वे के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई है। जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र हिंद महासागर में बैंटन प्रांत के एक तटीय शहर लाबुआन से लगभग 88 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित था और यह 37 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। साथ ही सुनामी को लेकर भी कोई चेतावनी नहीं दी गई है।
सुनामी की आशंकाओं को नकाराइंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के मुताबिक मौजूदा वक्त में सुनामी का कोई खतरा नहीं है। इंडोनेशिया एक विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र है और यहां अक्सर भूकंप आता रहता है। लेकिन राजधानी जकार्ता में भूकंप के झटके महसूस करना असामान्य घटना है। जावा की आबादी करीब एक करोड़ की है और यहां गगनचुंबी इमारतों हैं, जिनके रहवासियों ने कुछ सेकेंडों तक भूकंप के कारण हिलने का अनुभव किया। वहीं, सेटेलाइट सिटी टंगेरांग के घरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
राजधानी में लगे भूकंप के झटकेजकार्ता की रहवासी लैला अंजासारी के मुताबिक, वो शहर की एख बहुमंजिला इमारत का 19वीं मंजिल पर रहती है। भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि उनके घर की सभी चीजे जोरों से हिल रहीं थीं। तेज झटकों के कारण वो अपने घर से निकल कर बाहर खुले इलाके में पहुंच गई।
भूवैज्ञानिक दोष हैं भूकंप का कारणगौरतलब है कि, अपनी भूवैज्ञानिक दोषों के कारण इंडोनेशिया पर भूकंपीय उथल-पुथल का खतरा बना रहता है। इस दोष को प्रशांत "रिंग ऑफ फायर" के नाम से भी जाना जाता है। पिछले साल जनवरी में, पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप में करीब 105 लोगों की मौत हो गई थी। जबकी लगभग 6,500 लोग घायल हुए थे। वहीं, साल 2004 में एक अत्यंत शक्तिशाली हिंद महासागर भूकंप ने सूनामी को जन्म दिया था। जिसमें करीब एक दर्जन देशों में 2,30,000 से अधिक लोग मारे गए थे।