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G 20 Summit: तीन वर्ष बाद मोदी-चिनफिंग में दुआ-सलाम, गर्मजोशी से प्रधानमंत्री से मिले चीन के राष्ट्रपति शी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के दौरान हुई है। बता दें कि दोनों के बीच यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 15 Nov 2022 08:26 PM (IST)
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जी 20 सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। तकरीबन तीन वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच आमने सामने दुआ-सलाम हुआ है। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों के प्रमुखों की बैठक के बाद आयोजित रात्रिभोज में दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ और उन्होंने एक-दूसरे से गर्मजोशी से हाथ भी मिलाए। पास में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी थे जबकि चिनफिंग के साथ उनकी पत्नी थीं।

संघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान हुए थे आमने-सामने

इसके पहले सितंबर, 2022 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शीर्ष बैठक के दौरान मोदी और चिनफिंग एक मंच पर एकत्रित तो हुए थे लेकिन इनके बीच कोई सीधा संवाद नहीं हुआ था। एससीओ के शीर्ष नेताओं के डिनर में पीएम मोदी ने हिस्सा लिया था। मंगलवार को मोदी और चिनफिंग के बीच मुलाकात से अब इनके बीच द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर भी कयास लगाया जा रहा है।मोदी और चिनफिंग के बीच अंतिम द्विपक्षीय मुलाकात नवंबर, 2019 में मामल्लापुरम (चेन्नई) में हुई थी।

2018 में दोनों नेताओं ने अनौपचारिक वार्ताओं का दौर हुआ था शुरू

वर्ष 2018 में दोनों नेताओं ने अनौपचारिक वार्ताओं का दौर शुरू किया था। इनके बीच पहली मुलाकात वुहान में हुई थी। दूसरी बैठक के बाद वर्ष 2020 में तीसरी बैठक की तैयारी थी लेकिन मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो गए हैं। उसके बाद जून, 2020 में गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष भी हुआ था। पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चार बार द्विपक्षीय वार्ताएं हुई हैं लेकिन शीर्ष स्तर पर मुलाकात नहीं हुई है। सितंबर, 2022 के पहले हफ्ते में चीन व भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव भरे इलाके से सैनिकों की वापसी का ऐलान हुआ था। हालांकि भारत इससे संतुष्ट नहीं है और अप्रैल, 2020 से पहले वाली स्थिति लागू करने की मांग कर रहा है।

दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ी बर्फ पिघलने का संकेत

सूत्रों ने बताया है कि चिनफिंग और मोदी के बीच जिस गर्मजोशी से अभिवादन हुआ है, वह दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ी बर्फ के पिघलने का भी संकेत है। पीएम मोदी पूर्व में दो बार भारत में चिनफिंग व उनकी पत्नी की आगवानी कर चुके हैं। एक बार अहमदाबाद में और दूसरी बार मामल्लापुरम में। वर्ष 2014 से वर्ष 2020 के दौरान मोदी ने कम से कम डेढ़ दर्जन बार चिनफिंग से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के बाद क्या फिर से मोदी और चिनफिंग अनौपचारिक बैठकों का दौर शुरू कर सकते हैं? इस बारे में पूछने पर सूत्रों कहना है कि यह दोनों शीर्ष नेताओं का फैसला होगा। वैसे भी अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन और आस्ट्रेलिया के पीएम एल्बेनीज के बीच भी द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। साथ ही यह भी याद रखना चाहिए जब भारत व चीन के रिश्ते काफी तनावग्रस्त थे, तब भी दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की आपस में मुलाकात हो रही थी।

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