Move to Jagran APP

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए WHO ने जमकर की भारत की तारीफ, पीएम मोदी को बोला- Thank You

G20 Summit 2022 डब्ल्यूएचओ चीफ ने वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में सहयोग के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली में मौजूद घेब्रेयसस ने ट्विटर पर पीएम मोदी के साथ अपनी एक तस्वीर भी शेयर की है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 15 Nov 2022 07:56 PM (IST)
Hero Image
WHO Chief के साथ पीएम मोदी (फोटो- ट्विटर)
बाली, पीटीआइ। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (WHO chief Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने मंगलवार को वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर विश्व स्वास्थ्य निकाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को धन्यवाद दिया।

GCTM की मोदी-घेब्रेयसस और जगन्नाथ ने रखी आधारशिला

प्रधानमंत्री मोदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक घेब्रेयसस और मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने अप्रैल में गुजरात के जामनगर शहर में WHO ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM) की आधारशिला रखी।

पारंपरिक चिकित्सा का दोहन है उद्देश्य

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत से 250 मिलियन अमेरिकी डालर के निवेश द्वारा समर्थित केंद्र का उद्देश्य लोगों और ग्रह के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करना है।

WHO चीफ ने पीएम मोदी को बोला- थैंकयू 

G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली में मौजूद घेब्रेयसस ने ट्विटर पर ट्वीट किया, 'वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर WHO के साथ सहयोग करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद। #HealthForAll के लिए एक साथ! # जी20।" घेब्रेयसस ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के साथ अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की।

घेब्रेयसस को जवाब देते हुए, मोदी ने ट्वीट किया, 'बाली में आपसे मिलकर खुशी हुई! भारत एक स्वस्थ ग्रह के निर्माण के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।'

पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है दुनिया की 80 फीसद आबादी

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया की लगभग 80% आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। आज तक, WHO के 194 सदस्य देशों में से 170 ने पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग की सूचना दी है, और उनकी सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर विश्वसनीय साक्ष्य और डेटा का एक निकाय बनाने में WHO के समर्थन के लिए कहा है।

ये भी पढ़ें: PM Modi In Bali: बाली में भारतीय समुदाय से बोले पीएम मोदी- हम 90 Nautical Miles दूर नहीं, बल्कि करीब हैं

'मानव स्वास्थ्य के लिए मौलिक है भोजन और ऊर्जा'

G20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान, घेब्रेयसस ने रेखांकित किया कि भोजन और ऊर्जा मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए मौलिक हैं। इन दोनों में से किसी की भी कमी या उनके अधिक सेवन से स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

'स्वास्थ्य की रक्षा वैश्विक केंद्र में हो'

उन्होंने कहा, 'खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा में संकट की सबसे बड़ी कीमत मानव स्वास्थ्य में चुकाई जाती है। मेरा G20 नेताओं से आग्रह है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्वास्थ्य की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के उपाय वैश्विक प्रतिक्रिया के केंद्र में हों।'

ये भी पढ़ें: G 20 Summit: यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा के मुद्दे पर जी-20 देशों में मतभेद