WHO प्रमुख ने वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में सहयोग के लिए PM Modi को कहा धन्यवाद
WHO chief thanks PM Modi विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करने में प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्वकारी भूमिका के लिए उनको धन्यवाद दिया।
By Jagran NewsEdited By: TilakrajUpdated: Tue, 15 Nov 2022 03:04 PM (IST)
बाली, पीटीआइ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसस ने मंगलवार को वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर विश्व स्वास्थ्य निकाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक घेब्रेसस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने अप्रैल में गुजरात के जामनगर शहर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM) की आधारशिला रखी। थी
दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा को एक साथ लाना...!
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत से 250 मिलियन अमेरिकी डालर (लगभग 2 हजार करोड़ रुपये) के निवेश द्वारा समर्थित केंद्र का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को एक साथ लाना है। ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक आउटपोस्ट केंद्र है। यह वैश्विक कल्याण के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा।
WHO प्रमुख ने PM Modi को कहा- धन्यवाद
WHO प्रमुख इस समय इंडोनेशिया में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ट्वीट किया, 'वैश्विक पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र की मेजबानी और निर्माण पर WHO के साथ आपके सहयोग के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। #HealthForAll! #G20।'दुनिया पारंपरिक चिकित्सा में नेतृत्व के लिए भारत आएगी...!
बता दें कि इससे पहले भी डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करने में प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्वकारी भूमिका के लिए उनको धन्यवाद दिया था। महानिदेशक ने इस सेंटर को वास्तव में एक वैश्विक परियोजना करार दिया, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 107 सदस्य देशों के अपने देश विशिष्ट सरकारी कार्यालय हैं, जिसका अर्थ है कि दुनिया पारंपरिक चिकित्सा में नेतृत्व के लिए भारत आएगी। उन्होंने कहा कि पारंपरिक दवाओं के उत्पाद विश्व स्तर पर प्रचुर मात्रा में हैं और केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के वादे को पूरा करने में एक लंबा सफर तय करना है।