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जापान के हाथीदांत बाजार में कम हो गई इसकी मांग, जानकारों की राय में रहे कुछ बड़े कारण

विश्‍व के सभी देशों में हाथी दांत को लेकर लोगों का क्रेज साफ नजर आता है। पूर्व में हाथी दांत की वजह से हजारों हाथियों को मार दिया गया था। अब भी ये अवैध कारोबार कई देशों में चल रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Mon, 21 Nov 2022 03:38 PM (IST)
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दवाओं से लेकर साजो सामान की वस्‍तुएं बनाने के लिए होती रही हाथियों की हत्‍या
लंदन (एजेंसी)। पौराणिक कथाओं, धर्म और लोकप्रिय संस्कृति में हाथियों का विशेष स्थान है। फिर भी हाथी दांत के लिए इनका शिकार किया जाता है। हाथी दांत के अवैध शिकार से पिछले 40 वर्षों में अफ्रीकी हाथियों की संख्या में 70 फीसद तक की गिरावट आई है। हाथी दांत हमेशा से ही एक बेशकीमती वस्तु रही है। पारंपरिक दवाओं से लेकर वाद्य यंत्रों तक में इसका उपयोग किया जाता रहा है। मौजूदा दौर में इसका उपयोग आभूषणों और गहनों में भी काफी किया जा रहा है। इसके अलावा सजावटी साजो-सामान बनाने में भी इनका उपयोग किया जाता है।

हाथियों को लुप्‍त होने से बचाने के लिए लिया फैसला 

व्‍यापार के लिए हाथी दांत की अवैध तस्‍करी को रोकने और इसके लिए हाथियों को मारे जाने की घटनाओं को रोकने के लिए 1989 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसका मकसद हाथियों को लुप्‍त होने से बचाना था। विश्‍व स्‍तर पर उठाए गए इस कदम का काफी असर दिखाई भी दे रहा है। इस अंतरराष्‍ट्रीय समझौते पर विश्‍व के 184 देशों ने हस्‍ताक्षर किए हैा। इसके बाद भी कुछ देशों के घरेलू बाजारों में आज भी हाथी दांत का व्‍यापार हो रहा है। 2019 में दुनिया भर में 42 टन से अधिक अवैध हाथी दांत जब्त किए गए, जो पिछले 30 वर्षों में चौथा सबसे बड़ा वार्षिक आंकड़ा है।

कभी जापान था इसमें आगे 

हाथीदांत के व्‍यापार में कभी एक बड़ी भूमिका निभाने वाला जापान अब इसके महत्‍व को समझने लगा है। 1979 और 1989 के बीच जापान विश्‍व में होने वाले हाथीदांत के व्यापार में एक-तिहाई हिस्‍सेदारी निभाता था। यहां पर अब भी एक घरेलू बाजार हाथी दांत का व्‍यापार करता है इसके बाद भी यहां पर इसकी मांग में जबरदस्‍त गिरावट देखी गई है। 2014 तक, जापानी हाथीदांत उद्योग का वार्षिक मूल्य 1989 की तुलना में केवल 13 फीसद था।

घरेलू बाजार में हाथी दांत की मांग कम 

जापान के घरेलू बाजार में हाथीदांत की मांग में गिरावट होने के कुछ विशेष कारण रहे हैं। इसके लिए उन 35 संभावित महत्वपूर्ण कारणों की सूची तैयार की गई जो हाथी दांत के लिए जापानी मांग में गिरावट का कारण बन सकते थे। इनमें प्रमुख कारण थे- हाथीदांत व्यापार प्रतिबंध, संरक्षणवादियों का दबाव, जापान की आर्थिक मंदी और लक्षित मांग में कमी। 

बनाई गई टीम 

देश में हाथी दांत की मांग में आई कमी को जानने के लिए एक टीम बनाई गई जिसमें शिक्षाविद, एनजीओ कार्यकर्ता, जापानी सरकार के सदस्य और हाथी दांत के व्यापारी और कार्वर शामिल थे। इनसे इस बारे में जानकारी हासिल की गई कि इस मांग के इस तरह घटने के क्‍या कारण हैं। जानकारों का कहना है कि इस पर लगे अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबंधों के साथ-साथ घरेलू आर्थिक मंदी ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई। जानकारों की राय में ये दो बड़े कारण इसकी मांग में कमी को लेकर सामने आए। 

चीन और जापान में अंतर 

इस दौरान ये भी बात सामने आई कि जापान में यदि हाथी दांत बिक्री के लिए उपलब्ध होता, तो लोग उसे खरीदते, लेकिन यदि वह दुर्लभ होता, तो वे उसकी तलाश नहीं करते। इस लिहाज से जापान चीन के विपरीत था। चीन में प्रतिबंधों के बाद भी हाथी दांत के बाजार बने और बढ़े भी। 

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